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शुक्रवार, 27 जून 2025

4432...शुभकामनाएँ जन्मदिन की

शुक्रवारीय अंक में 
आप सभी का हार्दिक अभिनंदन।
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आज रथ यात्रा है हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस तिथि
 को पाँच लिंकों के आनंद का जन्मदिन है।
इस मंच की जननी यशोदा दी को विशेष शुभकामनाएँ आभार।
दिग्विजय सर के निरंतर साथ और सहयोग के बिना
इस पाँच लिंक के मंच की कल्पना भी नहीं जा सकती है।
मंच के सभी सक्रिय चर्चाकारों का हार्दिक अभिवादन 
करती हूँ। जो भी साथी 
इस सफ़र में साथ रहें हैं 
उनके बहुमूल्य योगदान के लिए
हार्दिक आभार।
विशेषकर सभी पाठकों को पाँच लिंक परिवार की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद आप पाठकों से ही यह मंच गुलज़ार है।
आज का यहा अंक चर्चा कारों एवं पाठकों के द्वारा
प्रेषित साझा शुभकानाओं से सज्जित है।

ये सफ़र आसान  नहीं पर फिर भी ज़ारी है।
मरते चिट्ठाकारी के लिए तलवार दोधारी है।।
थोड़ा धैर्य और सहनशीलता मन में थामो 
प्रिय साथियों; हम-तुम ही आस की चिंगारी है।


आइये पढ़े आपकी शुभकामनाएँ


सर्वप्रथम पढ़िए 
सुशील सर का अमूल्य स्नेह
और असीम आशीर्वाद

चिट्ठाकार कुछ बेहोश हो रहे हों जैसे
कलम हाथ में रहती है जैसे
जुबां तक फिसल कर बात बस बहती है जैसे
कहीं कुछ नशा है कहीं कुछ जहर है
पर है कुछ कहीं मीठी सुबह मीठा दोपहर है
अपने में मगन है अपने ही शगुन हैं
सिमटते गाँव घर सड़क नदी सिमटते हुए शहर हैं


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सुधा देवरानी जी की
स्नेहसिक्त अभिव्यक्ति

पंच लिंक का आनंद,मंच सजे सआनंद
हर एक लिंक सार, पढ़ने का चाव हो ।

सम्मानित चर्चाकार, सम्भालें हैं कार्यभार
स्थापना दिवस आज, पूरा हर ख़्वाव हो ।

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की अविस्मरणीय प्रस्तुतियाँ  भला 
कौन भुला सकता है-


पाँच लिंकों का आनंद -- ये ब्लॉग निरन्तर पाठकों को नई रचनाओं के लिंक्स मुहैय्या करता आ रहा है । इस ब्लॉग को चलाने के लिए यशोदा  का प्रयास सराहनीय है । इससे जुड़े सभी चर्चाकार को साधुवाद । आज ब्लॉगिंग बिल्कुल निष्क्रियता के मुहाने पर खड़ी नज़र आती है फिर भी इस मंच से जुड़े लोग कर्मठता से अपने कार्य में जुड़े हुए हैं । 
आज इस ब्लॉग का जन्मदिन है , इस अवसर पर यशोदा और इस ब्लॉग से जुड़े सभी चर्चाकारों  को बधाई और शुभकामनाएँ  प्रेषित करती हूँ ।

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की रचनाएँ
अनमोल साहित्यिक थाती है-

पांच लिंक ब्लॉग की ' हलचल'  की रथयात्रा का श्री गणेश २०१५ की रथयात्रा के मांगलिक मुहूर्त में  हुआ था। मां भारती के आंगन में प्रस्फुटित होने वाली साहित्यिक वीणा के समस्त रागों को अपनी दैनिक प्रस्तुति में सहेजता यह ब्लॉग तब से सतत गतिशील होता आज २०२५ के पड़ाव को पार कर रहा है। इसकी हलचल में आर्यावर्त की लेखन परंपरा की धुकधुकी को महसूसा जा सकता है। अपने पटल के माध्यम से इसने अनगिन साहित्यकारों, लेखकों, कवि - कवयित्रियों, कहानीकारों और निबंधकारों को सुधी पाठकों के समक्ष न केवल उपस्थित किया है बल्कि लेखन का अलख जगाकर अनेक नवोदित रचनाकारों को प्रसूत भी किया है। इस महायज्ञ के संचालक मंडल, समस्त रचनाकारों और पाठकों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं। साथ ही, हृदय से यह कामना करता हूं कि साहित्यिक महायज्ञ की यह रथयात्रा अपनी गति की शाश्वतता बनाए रखे। चरैवेति, चरैवेति!
अस्तु।

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भावनात्मक लेखनी किसी 
परिचय का मोहताज नहीं-

मैंने अपना ब्लॉग 'चिड़िया' 2016 में शुरू किया. तब से आज तक मेरी हर रचना को 'पाँच लिंकों का आनंद' मंच से असीम प्यार मिला । नए - पुराने ब्लॉग लेखकों की रचनाओं को उनके ब्लॉग की लिंक के साथ अपने मंच पर साझा करके, उन्हें वृहद पाठक वर्ग तक पहुँचाने का महत्त्वपूर्ण कार्य पाँच लिंकों द्वारा, निरंतर बिना किसी नागा के हर दिन किया जा रहा है। इस निस्वार्थ साहित्य सेवा और हिंदी प्रेम का कोई कैसे आकलन कर सकता है ? 

टीम के प्रत्येक सदस्य की एक विशेष शैली है प्रस्तुति की, जो मेरे मन को बहुत भाती है । मैं स्वयं यह मानती और जानती हूँ कि इस मंच के सहयोग के बिना मेरी रचनाओं को इतने पाठक कभी नहीं मिलते । प्रोत्साहन के अभाव में शायद मैं बहुत पहले ही लेखन से उदासीन हो चुकी होती । हम कितना भी कहें कि हम तो स्वांतसुखाय लिखते हैं, परंतु प्रोत्साहन के शब्द मन की मरुभूमि में शीतल बरखा की फुहारों का काम करते हैं और अभिव्यक्ति के बीजों को अंकुरित होने में इनका योगदान अवश्य होता है । पाँच लिंकों की पूरी टीम अपने संपूर्ण मनोयोग से ब्लॉग लेखन को जीवंत रखने में जो योगदान दे रही है, उसके लिए आप सभी का बहुत - बहुत अभिनंदन, साधुवाद एवं मेरी ओर से विशेष आभार ! 

 रथयात्रा के दिन पाँच लिंकों का आनंद का जन्मदिन है - यह रथ भी अनवरत गतिशील रहे, अनुगामियों की संख्या में विस्तार होता रहे , यही शुभकामना ! 
बहुत बहुत बधाई !


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की संवेदनशील कविताएँ
और कहानियाँ अलग पहचान रखती है-
 



“पाँच लिंकों का आनन्द” प्रतिदिन अपने अंक में प्रकाशित विभिन्न ब्लॉगों के सूत्रों द्वारा ब्लॉग जगत में उत्साहवर्धन और सृजनात्मक अभिरुचि में अभिवृद्धि करने के साथ नवांकुरों की पहचान ब्लॉग जगत के पाठकों और रचनाकारों से करवाने जैसा महत्वपूर्ण कार्य करता है ।इसके लिए इस मंच के सभी सदस्य बधाई और सराहना के पात्र हैं । यह साहित्यिक मंच उत्तरोत्तर लोकप्रियता के शिखर स्पर्श करता हुआ ब्लॉग जगत में ऊर्जा का संचार करता रहे इन्हीं शुभकामनाओं के साथ पाँच लिंकों का आनन्द मंच की स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर मंच परिवार के सभी सदस्यों को बहुत-बहुत बधाइयाँ. 💐💐💐💐💐
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बौद्धिक प्रतिक्रिया और निश्छल स्नेह के बिना
ब्लॉग जगत के किसी भी विशेष
अवसर का आयोजन अधूरा-सा है।


सबसे पहले पांच लिंक मंच से जुडे समस्त साथियों और स्नेही  पाठकों को सादर ,सप्रेम अभिवादन।   ब्लॉग जगत से जुडे सभी रचनाकारों के लिए  पांच लिंक मंच का सानिध्य  किसी  वरदान से कम नही। ये रचनाकार और पाठक वर्ग के मध्य एक सशक्त सेतु  है।रचनाकारो की रचनाऑ को एक विशाल  पाठक वर्ग तक पहुंचाने का स्तुत्य प्रयास करने वाले पांच लिंक मंच को स्थापना दिवस की अशेष शुभकामनाये।  इस मंच की  संकल्पना और स्थापना के लिए  यशोदा जी और  दिग्विजय  जी   सराहना के पात्र हैं तो  निरंतर अवैतनिक सेवायें   देने वाले   साथी किसी साधक से कम नही। सभी को स्नेहिल आभार  और साधुवाद।  साहित्यिक भाईचारे का ये प्रांगण यूं ही  फलता फूलता रहे यही कामना  है। मेरे ब्लॉग को असंख्य पाठको तक पहुँचाने के लिए इस मंच की सदैव ऋणी  रहूंगी।
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अपने दैनिक जीवन की व्यस्तताओं
से समय चुराकर साहित्य की
सेवा करने में आनन्दित होते है-



सुविज्ञ पाठकों एवं शुभचिंतकों के सक्रिय व रचनात्मक योगदान के चलते 'पाँच लिंकों का आनन्द' ब्लॉग सतत प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है. हम आशान्वित और आश्वस्त हैं कि यह सहयोग और समर्थन भविष्य में भी जारी रहेगा.
आदरणीय दिग्विजय अग्रवाल जी एवं आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी को ब्लॉग जगत् में हिंदी की सेवा के लिए सदैव आदर-सत्कार के साथ प्रोत्साहित किया जाता रहेगा.
सभी को यथायोग्य प्रणाम.
-रवीन्द्र सिंह यादव
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कर्मठ,जुझारू एवं निरंतर
आप सभी पाठकों को 
निःस्वार्थ भाव से जोड़े रखने का 
निर्मल प्रयास करती रही है-

स्वास्तिकामना
सहज ,सरल हमारी उड़ान पर यहां शब्दों के तलाश में सफर तय किए जाते है। एक दौर को समेटे हुए,कई रचनात्मक रूप और रचनाकारों से रू ब रू 
कराते चर्चाकार और साथ-साथ चलने , निस्वार्थ रूप से साहित्यिक डोर से बंधे हुए रोज सागर में मोती ढूंढने का प्रयास करते है। मानो कह रहे कि..
कल क्या होगा हमें पता नहीं,
ता उम्र हम तो सफर में रहते है।
आपा धापी के दौर में कम समय के लिए ही सही साकारात्मक,धैर्य के साथ पांच लिंक के बढते कदम..जहां हर पाठक अपना  जुडाव महसूस करते है। अनवरत सफर जारी रहे..क्योकि "हर मुलाकात का एक मतलब होता है"
आज की मुलाकात तो और भी खास है।
जय जगन्नाथ 

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अनूठी लेखनी जो
निरंतर सामाजिक कुरीतियों पर
कुठराघात करती रहती है-

"पांच लिंकों के आनन्द" नामक 'ब्लॉग' की शुरुआत हिंदी पंचांग के अनुसार तथाकथित"रथयात्रा" के दिन 19 जुलाई सन् 2015 ईस्वी में की गयी थी। 
आज हिंदी  पंचांग के अनुसार तथाकथित"रथयात्रा" के दिन ही वर्तमान वर्ष सन् 2025 ईस्वी में आंग्ल पंचांग के 26 जून को दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष पर "पांच लिंकों के आनन्द" के संयोजक महोदय दिग्विजय जी और महोदया यशोदा जी को मन से सादर नमन 🙏
साथ ही इस "पांच लिंकों के आनन्द" नामक 'ब्लॉग' के सभी आदरणीय प्रस्तोता गण , सहयोगी रचनाकारों और बहुमूल्य पाठक गण को मन से नमन और हार्दिक शुभकामनाएं ..बस यूँ ही ...
मेरे जैसे बतकही करने वाले को 'ब्लॉग'  का "ककहरा" इसी "पांच लिंकों के आनन्द"  की छत्रछाया में सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। वैसे तो औपचारिक या व्यवहारिक, आंशिक या सम्पूर्ण, परोक्ष या प्रत्यक्ष , मानसिक आय हार्दिक सहयोग और सान्निध्य सभी से मिलता रहा है। परन्तु मेरे "बंजारा बस्ती के वाशिंदे" नामक ब्लॉग की बुनियाद"पांच लिंकों के आनन्द"  की आदरणीय प्रस्तोता  महोदया श्वेता (सिन्हा) जी की बदौलत ही मिली थी अप्रैल 2019 में (दिनांक तो याद नहीं)।
पुनः, पुनश्च, बारम्बार मेरी असीम शुभकामनाएं"पांच लिंकों के आनन्द" की पूरी 'टीम' को इस क्षमा याचना के साथ कि मेरा एक अच्छा पाठक या औपचारिक पाठक या औपचारिक प्रतिक्रिया दाता नहीं होने के कारण मेरी नियमित उपस्थिति नहीं हो पाती है"पांच लिंकों के आनन्द" के अनमोल पन्नों पर .. बस यूँ ही ...🙏🙏🙏
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एक स्थापित और विनम्र साहित्यकार
का आशीर्वाद मिलना हमारे लिए सौभाग्य
की बात है-
**************************************
पांच लिंक ब्लॉग की पाठशाला में
सृजनशीलों का जमघट--
********************************************                                                                  वैश्वीकरण की प्रक्रिया से दुनिया में चाहे जितने संदर्भ बदल जाएं,परंपरावादी समाज आधुनिकता का लबादा ओढ़ ले,गांव के बाज़ार शॉपिंग माल में तब्दील हो जाएं,लेकिन रचनात्मक सांस्कृतिक संवेदनशीलता में अभी तक कमी नहीं आयी है।
मनुष्य के अस्तित्व का संकट,मनुष्य की नियति पर ही आधारित है,वह जैसा सोचेगा वैसा ही होगा,जो फिलहाल वर्तमान में हो रहा है।
"मनुष्य का मनुष्यता से दूर होना" यह बात चाहे छोटी सी कथा में कही जाए या किसी महाकाव्य में रची जाए,बात वही रहती है कि, आप एक दूसरे से कितने जुड़े हुए हैं,दिल से,मन से और वैचारिक भावनाओं से,जरूरी नहीं कि आप बहुत गहरे मित्र हों,बस जरूरी है कि आप अपने से जुड़े सभी सम्मानितों की कितनी इज्ज़त करते हैं.इनकी रचनात्मक गतिविधियों से कितने परिचित हैं।
विचार और अनुभव 
समय के साथ बदलते जाते हैं,बाकी रह जाता है मित्रता निभाने का अंदाज।
समकालीन जीवन मूल्य प्रत्येक घंटे के अंतराल में बदलते जाते हैं,यह मूल्यवान न होकर मूल्यहारा हो जाते हैं,इस अनगढ़ मूल्यहारा जीवन में,जीने के लिए खुश रहना बेहद जरूरी है और इस जरूरी चीज़ को बचाने के लिए सृजनात्मकता के बीज रोपना भी जरूरी है। 
"पांच लिंको का ब्लॉग परिवार"  इन्हीं बीजों को कई सालों से रोप रहा है जो अब अंकुरित होकर हरे-भरे पेड़ के रूप में शान से फल-फूल रहा है।
संस्कृति और सभ्यता को को बचाने संवेदनाओं का होना भी जरूरी है क्योंकि इसमें इंद्रधनुषी रंग भरना पड़ते है,तभी यथार्थ के प्रति,मानव मूल्यों के प्रति,घर परिवार और राष्ट्र के प्रति सजग एवं संवेदनशील भाव उत्पन्न होते हैं,यह भाव मित्रों के माध्यम से,सृजनशीलों के माध्यम से अभिव्यक्त कर संजोए जाते हैं।
संवेदनशीलता की वृद्धि के लिए इतिहास के आदिकाल से आज तक सृजनकर्मियों ने सक्रिय और विशेष योगदान दिया है।
नृत्य में भावभंगिमा द्वारा, अभिनय में मुखाकृतियों द्वारा,संगीत में स्वरलहरियों द्वारा,चित्रों में रंगों के द्वारा और कविता एवं गीत में आँखों से न दिखने वाले अदृश्य रसों भावों और अनुभूतियों का मन के स्पर्शो को लेखन के माध्यम द्वारा।

मित्र और परिवार की प्रतिबद्धता अपने गांव, समाज,संस्कृति पर ही आधारित होती है-इसे होना भी चाहिए क्योंकि इस विस्तृत क्षेत्र में ही ये सारे  पड़ाव है,यह सुखद वातावरण हमें मानव शरीर के अन्दर की आत्मा की सहजता से परिचय कराता है,यदि 
"पांच लिंक का परिवार" न होता तो हम सब अज़नबी
एक दूसरे के इतने करीब न होते।
पांच लिंकों की पाठशाला इसी करीबी रिश्तों की पड़ताल करती है और रचनाकारों की रचनाओं को खोजकर सहेजती है,देश दुनिया के पाठकों को इनके ब्लॉगों से परिचित करवाती है।यह भी सिखाती है कि,कैसे हमारे एक जुट होकर लेखन का विस्तार  किया जाता है।

इसी विचारधारा की बुनियाद पर "पांच लिंको का ब्लॉग" बना और यह  कई अनज़ान हीरों को समेट कर अपने परिवार में जोड़ने लगा, धीरे धीरे यह ब्लॉग की दुनिया में,सोशल मीडिया का सबसे सशक्त सबसे ज्यादा सक्रिय और सबसे ज्यादा सृजनात्मक ऊर्जा वाला परिवार बना।

पांच लिंक ब्लॉग के नैपथ्य 
में जिन सम्मानित रचनाकारों का महत्पूर्ण योगदान है,
ये साधुवाद के वास्तविक हकदार हैं।
इन्हें दिल से प्रणाम--

सभी रचनाकारों की भूमिका और रचनात्मक सोच से यह परिवार और भी चमकदार होता जा रहा है.
इनको भी प्रणाम--

हां! एक बात और
आज मैं और मेरा लेखन इस बात का ऋणी है कि
इसी लिंक के माध्यम से मेरी पहचान बनी।
सभी का आभार--

पांच लिंक ब्लॉग परिवार का यह सालाना जश्न ऐसे ही मनता रहे,सभी में सद्भावना बनी रहे.
ऐसी मंगलकामनाओं के साथ--

◆ज्योति खरे
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आप सभी हमारे लिए अनमोल हैं
आप सभी का साथ इस
 लेखन की यात्रा की निरंतरता के लिए
बहुत जरूरी है।
आज के लिए इतना ही
मिलते हैं अगले अंक में।
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16 टिप्‍पणियां:

  1. अशेष शुभकामनाएं...
    अविस्मरणीय व सग्रहणीय अंक
    आभार सभी को
    हर किसी ने प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोग किया
    ये ब्लॉग चलता ही रहेगा मेरे साथ भी
    और मेरे बाद भी
    आभार सखी श्वेता
    सादर वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. अनवरत सफर जारी रहेगा..
    क्योकि "हर मुलाकात का एक मतलब होता है"
    प्रिय साथियों; हम-तुम ही आस की चिंगारी है।
    हम साथ-साथ हम ,
    और रहेंगे....
    सानन्द सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद सदैव यूँही बना रहे और ये सुहाना सा आनंदमय सफर अनवरत रुप से चलता रहे । 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. आभार | शुभकामनाएं | चलता रहे कारवां यूं ही |

    जवाब देंहटाएं
  5. भोर के साथ इस ब्लॉग से जुड़े सभी संवेदनशील एवं सुधिजन को मन से नमन और साथ ही आप सभी का हार्दिक आभार के साथ- साथ अपार -असीम शुभकामनाएं इस "पांच लिंकों के आनंद" के संग आप सभी के लिए.. बस यूँ ही ...

    जवाब देंहटाएं
  6. सभी को सुप्रभात, आभार! ब्लॉग जगत समस्त बुद्धिजीवी वर्ग की चेतना में प्रेरणा और रचनाधर्मिता के प्रति उत्साह भरता पांच लिंक सचमुच आनंद का प्रतीक है. ब्लॉग लेखन के शुरूआती सफर से आज तक पांच लिंको में रचना शामिल होना एक अनिर्वचनीय आनंद से भर देता है. आज इस विशेष जन्मदिवसीय हलचल में नव सृजन का आह्वान है. एक संकल्प दरकार है ब्लॉग लेखन में प्राण वायु फूंकने के लिए. सभी साथियों से विनम्र आग्रह है कि साप्ताहिक, पाक्षिक या फिर कम से कम मासिक रूप से एक रचना ब्लॉग पर डालने का प्रयास करें.! विभिन्न संस्कृतियों से परिचय करवाने के लिए पांच लिंक मंच का पुनः अभिनन्दन और आभार 🙏❤️❤️🌹🌹

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  7. सुप्रभात ! 'पाँच लिंकों का आनंद' को दसवें जन्मदिन पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ, आप सभी आयोजक गण का ह्रदय से आभार, ब्लॉग जगत में यही एकमात्र सक्रिय मंच रह गया है जो नियमित रूप से पाठकों को नयी रचनाओं की खबर देता है।

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  8. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  9. “पाँच लिंकों का आनन्द” की स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर मंच परिवार सहित सभी रचनाकारों और पाठकों को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ !!

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  10. अविभश्वसनीय सुंदर भावपूर्ण सकारात्मकता को समेटे प्रस्तुति...ढेर सारा बधाई।

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  11. हार्दिक बधाई और अखंड शुभकामनाएं। रथयात्रा चिरंतन चलती रहे।

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  12. आज फिर एक बार 'पाँच लिंकों का आनंद' ने हम सब को एक साथ खड़ा कर दिया है एक मंच पर लाकर ! मौका कोई भी हो, दस्तूर यही होना चाहिए कि हम साथ साथ हैं....
    हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते !
    आदरणीया यशोदा दीदी, विभा दी, पम्मी जी, आदरणीय दिग्विजय भाईसाहब, रवींद्र भाई, और प्रिय श्वेता , आप सभी का हृदय से आभार .
    सभी को शुभकामनाएँ 💐

    जवाब देंहटाएं
  13. पाँच लिंकों का आनंद की स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी सम्मानित चर्चाकारों , रचनाकारों एवं सुधि पाठकों को हार्दिक बधाई एवं असीम शुभकामनाएं । साधुवाद प्रिय श्वेता आपकी प्रतिबद्धता को...सराहनीय एवं संग्रहणीय प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  14. रथ यात्रा की तरह ही पाँच लिंकों का आनन्द की यात्रा निरंतर चलती रहे । इस मंच पर सक्रिय चर्चा कारों को साधुवाद और शुभकामनाएँ।

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  15. पांच लिंकों का आनंद की स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
    यह यात्रा लगातार जारी रहे
    रचनाकार जुड़ते रहें

    समूची टीम को इस सार्थक कार्य के लिए
    साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  16. स्थापना दिवस पर स्नेह सिक्त शुभकामना
    यह साहित्यिक यात्रा अनवरत जारी रहे

    जवाब देंहटाएं

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