।।प्रातःवंदन।।
"हँस देता जब प्रात, सुनहरे
अंचल में बिखरा रोली,
लहरों की बिछलन पर जब
मचली पड़तीं किरनें भोली"
~महादेवी वर्मा
भोर की शुरुआत और बुधवारिय प्रस्तुतिकरण ..
तो हो जाए…एक कप अदरक इलायची वाली चाय!!
गरमागरम चाय की चुस्की के साथ अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस की शुभकामनाएँ..हर साल आज के दिन यानि 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) मनाया जाता है, जो न केवल एक पेय की महिमा का उत्सव है,
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तलाक़ की लड़ाई
जब नहीं चला गृहस्थ , तो वह हो गयी वापस |
वैसे ही , जैसे ग्राहक लौटा दे ,कोई नापसन्द आया सामान |
फिर उलझ गयी बड़ों की मूछें , बिगड़ गयीं जुबान |
दिखा देंगे , दिखा दो , माँ बहन के रिश्ते हुए तार तार |
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दुनिया ज़ालिम है —
ये कोई शायर की शेख़ी नहीं,
बल्कि रोज़ सुबह की ख़बर है,
जिसे अख़बार भी छापते-छापते थक चुका है।
यहां आँसू ट्रेंड नहीं करते,
दर्द को 'डिज़ाइन' किया जाता है,
और सच्चाई?..
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किरदार
थक गई हूँ अपने किरदार से
इस किरदार को बदलना होगा
ढेरों शिकायत है वक़्त से
कुछ तो उपाय करना होगा
वक़्त न लौटता है, न थमता है..
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।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️