सादर अभिवादन
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
निवेदन।
---
फ़ॉलोअर
शुक्रवार, 16 मई 2025
4490 ....गमले में लगा पौधा बन गया हूं
4 टिप्पणियां:
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं"कुछ सोच .....
जवाब देंहटाएंकुछ सोच के कहां लिखते है हम,
अपनी भावना को छंदों में पिरोते हैं हम।
दिल जब रोता है, जुबां जब बंद हो जाती हैं,
तो शब्दों की मोती पिरोते हैं हम।"
बहुत अच्छी लगी ये पंक्तियाँ ।
"महफ़ूज़ " जोङने के लिए शुक्रिया । सभी रचनाएँ पढ़ीं। गहन अनुभूति और सकारात्मक एवं तटस्थ विश्लेषण पठनीय है । सभी को बधाई!
दिग्विजय जी, धन्यवाद। सुबह-सुबह सजा हुआ गुलदस्ता सामने आ जाए तो इससे अच्छा श्रीगणेश क्या हो सकता है ! पर धीरे-धीरे पढ़ने वाले ना के बराबर हो गए हैं । लिखने वाले भी अन्यत्र व्यस्त हो गए हैं । क्या दिन पूरे हो गए इस मंच के ? दुखद है । परन्तु आप अंधङ में मचान संभाले हुए हैं । आपका और आप जैसे गिनती के और लेखन प्रेमी बागडोर थामे हुए हैं..हार्दिक आभार...सिलसिला बना रहे ।
जवाब देंहटाएं