अब बस भी करो,
मुझे दिखता कम है ,
पर इतना तो मैं जानती हूँ,
कि तुम हँस नहीं रहे
हँसने का नाटक कर रहे हो.
नौशेरवां को झोपड़ी वाली जमीन की जरूरत थी क्योंकि उसका महल चौरस नहीं बन पा रहा था। बादशाह ने बुजुर्ग महिला को बुलाया और कहा कि वह जमीन की कीमत ले ले और वह जमीन उसे दे दे। महिला ने जमीन बेचने से इनकार कर दिया। कुछ दिन बाद बादशाह ने उसे फिर बुलाया और कहा कि वह जमीन उसे दे दे और उसकी जगह वह एक बहुत बढ़िया मकान बनाकर वह उसे दे देगा।
धैर्य और लालच सब
जवाब देंहटाएंसाथ ले जाना चाहता हूँ।
सुंदर अंक
वंदन
धन्यवाद आज की प्रस्तुति में सम्मिलित करने के लिए । हमेशा की तरह एक सुंदर सार्थक अंक हर दिन ऐसी सुंदर रचनाओं की कड़ियों से हम सबको जोड़े रखने के लिए पाँच लिंकों का आनंद मंच का सस्नेह हार्दिक अभिनंदन व प्रणाम ।
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक। आभार
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति सभी लिंक उम्दा एवं पठनीय ।
जवाब देंहटाएंआओ न मिलकर
अपना स्नेह युक्त स्वेद बहाये,
ढेरों क्यारियां बनाये
बारिश के पहले
बोये प्रेम के असंख्य बीज,
सारगर्भित एवं सार्थक भूमिका
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जवाब देंहटाएंबहुत ही शानदार रचनाएं। चयनित रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
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