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गुरुवार, 1 मई 2025

4475...हर हाल में तुम्हें होना है रूबरू हाज़िर...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीय शांतनु सान्याल  जी की रचना से।

सादर अभिवादन।

पढ़िए पाँच पसंदीदा रचनाएँ-

लहू का रंग एक है--

तुम छुप न
पाओगे
हर हाल में तुम्हें होना है रूबरू हाज़िर,
क्या तुम्हारे ज़ख्म है इन्सानी और
हमारे घाव हैं ज़ख्म ए
काफ़िर।

*****

कर्म ही तेरी पहचान है..

वक्त से होड़ लगा,

पाँवों के छाले  मत देख!

कर्मों के गर्जन से,

देश को विश्वास दिलाना है!!

*****

अक्षय तृतीया पर कांची कामकोटि पीठम में एक नए युग की शुरुआत

अक्षय तृतीया पर कांची में एक नए युग की शुरुआत, इसके वेद, विद्या और वैद्य सेवाओं ने पिछली शताब्दी में भारत के विकास के विभिन्न आयामों को बदल दिया है। आदि शंकर द्वारा स्थापित 2,500 से अधिक वर्ष पुराने मठ, कांची कामकोटि पीठम में उत्सवों का माहौल है। पीठम के 71वें शंकराचार्य का अभिषेक मठ की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

*****

आखिर इस देश में चल क्या रहा है?

आखिर इस देश में चल क्या रहा है? कोई नियम है या नहीं? ये देश धर्मशाला बन गया है क्या? सरकार इतने दिनों तक क्या कर रही थी? आने जाने वालों को ट्रैक क्यों नहीं किया गया? इन्हें ढूंढ कर वापस क्यों नहीं भेजा गया? लोग 20-20 साल से यहां रह रहे हैं। कोई खबर नहीं किसी को। अगर ये दुर्घटना न होती तो शायद हमें इसका पता भी नहीं चलता।

*****

पाकिस्तान के खिलाफ कठोर-कार्रवाईकी तैयारी

सवाल है कि क्या हमारी सेना एलओसी पार करके पीओके में प्रवेश कर सकती है? क्या नौसेना कराची बंदरगाह की नाकेबंदी करेगी? एलओसी पर गोलाबारी रोकने को लेकर 2021 में जो समझौता हुआ था, वह भी अब टूटता हुआ लग रहा है.

सबसे बड़ा खतरा बैक-चैनल संपर्क टूटने का है. इसे टूटना नहीं चाहिए और उन्मादी बयानों से बचना भी चाहिए.

*****

 फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 


6 टिप्‍पणियां:

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