निवेदन।


फ़ॉलोअर

शनिवार, 24 मई 2025

4498 ..हमारी छाया हमें प्रकाश की ओर धकेल ही देगी

 सादर अभिवादन

कुछ सोच .....

हम अपनी छाया का अनुसरण कर रहे हैं या यह है कि हमारी छाया हमें धक्का दे रही है,वास्तव में हम अपने अतीत से नियंत्रित होते हैं और हम पूर्व धारणा,शिकायत,शत्रुता और कभी-कभी आत्म घृणा जैसी नकारात्मक भावनाओं को विकसित करते हैं। और उस स्थिति में हम अपनी छाया का पालन कर रहे हैं। लेकिन अगर हमारे पास एक अच्छी इच्छा है, तो हमारी छाया हमें प्रकाश की ओर धकेल देगी

देखें कुछ रचनाएं




रात गहराते ही कोलाहल को विराम मिला,
ऊंघता अंध गायक, अर्धसुप्त सारमेय,
जन शून्य रेल्वे प्लेटफार्म, अंतहीन
नीरवता का साम्राज्य, ज़िन्दगी
को चंद घड़ियों का आराम
मिला, रात गहराते ही
कोलाहल को विराम मिला ।





हमारे देर में धूप की कोइ कमी नहीं है ! हमें अपने घरों में सोलर पैनल लगा कर बिजली बनाने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करना चाहिए ! बच्चों को बिजली का दुरुपयोग करने से रोकना चाहिए और उनसे सख्ती के साथ इस बात का पालन करवाना चाहिए कि वे जब भी कमरे से बाहर निकालें तो बिजली के स्विच ऑफ़ करके ही निकलें ! ध्यान रखा जाएगा तो बिजली के बिगड़े बजट को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा !




जगे प्राणशक्ति बन प्रबल
उर भाव सारे शुद्ध हों,
मन समर्पित हों हमारे
सभी सर्वदा प्रबुद्ध हों !

हर दिशा में वह हमारा
मार्ग दर्शन मंगल करें,  
देवी कवच सी बन सदा  
नित भक्ति की रक्षा करें !



(काफी से अधिक पुरानी रचना)


पत्ते पर  परे ओस की बूंदे
मोती नहीं होती
पर किसी पपीहे ,किसी भौरें
की प्यास बुझा सकती है

किसी राहगीर को जीवन दान
और स्फूर्ति  दे सकती है

मोतियों के  माला की
कीमत नगण्य हो जाती हैं





अपनी प्यार पर प्रतिक्रिया देने में
मैं हमेशा देर कर देती हूँ
जब ये कहना था कि हमें भी तुमसे प्यार है
तब भी मैं चुप ही रही
अपने फ़र्ज़ को ही महत्व दिया
ख़ामोशी से ही अपने प्यार को दफना दिया

 
****
आज बस
सादर वंदन

5 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात !
    प्रकाश की ओर जाने की इच्छा ही काफ़ी है,
    सार्थक भूमिका और सुंदर संकलन,
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👍

    जवाब देंहटाएं
  4. अनुपम प्रस्तुति, मुझे जगह प्रदान करने हेतु असंख्य आभार, नमन सह ।

    जवाब देंहटाएं
  5. सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज की हलचल ! मेरे आलेख को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार दिग्विजय जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...