शीर्षक पंक्ति: आदरणीया डॉ.(सुश्री) शरद सिंह जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
आइए पढ़ते हैं गुरुवारीय अंक की पाँच पसंदीदा रचनाएँ-
कविता | सिसकता है प्रेम | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
डाल पर होने की खुशी
और बिछड़ने का ग़म
वही जानता है
जो छूट जाता है,
वह नहीं जो छोड़ जाता है
*****
*****
डाल पर होने की खुशी
जवाब देंहटाएंऔर बिछड़ने का ग़म
वही जानता है
जो छूट जाता है,
वह नहीं जो छोड़ जाता है
सुंदर अंक
आभार
सादर
बेहतरीन अंक 🙏 आज के इस बेहतरीन अंक में मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार और सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं