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रविवार, 22 जून 2025

4427.....दो दिलों का साथ निभाते रहा कीजिए

 सादर अभिवादन


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
कल बीत गया फिर भी गर्मी अभी बाकी है



योग तो हम उठते-बैठते करते हैं..फिर मात्र एक दिन क्यों..
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। भारत के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो किसी प्रस्तावित दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ में पारित करने के लिए सबसे कम समय है।

देखिए एक झलक



तब मैं नौ-दस साल का था और सुबह दूध पीता था। दिल्ली में घर पर दूध में चीनी मिला कर पीते थे। उन दिनों में चीनी राशन से मिलती थी और शायद मेरठ में उसकी कमी चल रही थी, इसलिए वहाँ दूध फीका पीना पड़ता था। ऐसी आदत पड़ी थी कि बिना चीनी का दूध पीया ही नहीं जाता था, मतली आने लगती थी। तब अजीत कहता कि गुड़ का टुकड़ा मुँह में रख लो और साथ में दूध का घूँट पीयो, चीनी की कमी महसूस नहीं होगी।






अख़बार में भरमार-ए-इश्तेहार छपी है
सच का लहू बहता हुआ देख रहा हूँ

वो लौट के आया नहीं बरसों से मगर मैं
रस्ते में उसी की ही सदा देख रहा हूँ






हाँ!
आदमी अपने से
टूट जाता है,
दरक जाता है —
स्त्री थोड़ी है वह
जो तोड़ी जाएगी —
इस बार नाक-मुँह
एक साथ बोले।






किसी को बुरा बताकर
अलग हो जाना बहुत सहज है
किसी को अच्छा समझकर
छोड़ना सदा से मुश्किल रहा प्रेम में।




प्रेम अटूट सत्य है इस नश्वर जीवन का,
दो दिलों का साथ निभाते रहा कीजिए।

दरिया ए इश्क है उथले में तैरना कैसा,
डूबकर ही पार इसे करते रहा कीजिए।

प्रेम एक दूजे का, जमाना समझेगा क्या,
त्याग और सम्मान बनाए रहा कीजिए।


*****
आज बस
सादर वंदन

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