सादर अभिवादन
आज विश्व सिकल सेल दिवस (World Sickle Cell Day) है।
Sickle Cell अर्थात हँसिया/दराँती के आकार की कोशिका।
रक्त में प्रमुखतः तीन प्रकार की कोशिकाएँ (Cells) पायी जाती हैं:
1. RBC (Red Blood Cells) लाल रक्त कणिकाएँ
2. WBC ( White Blood Cells) श्वेत रक्त कणिकाएँ
3. Platelets / प्लेटलेट्स
कुछ लाल रक्त कणिकाएँ (RBC) अपने सामान्य आकार (Disc Like) और बनावट से अलग हँसिया जैसी शक्ल में
परिवर्तित होकर स्वभाव में लचीली होने की बजाय सख़्त और दाँतेदार हो जाती हैं तब वे
रक्त संचरण तंत्र में रक्त प्रवाह में रुकावट और दर्द पैदा करती हैं और शरीर के
महत्त्वपूर्ण अंगों (फेफड़े, किडनी,मस्तिष्क अदि) को नुकसान पहुँचाती हैं। सिकल सेल सामान्य
आरबीसी की तुलना में अपना जीवन-चक्र पहले ही समाप्त कर लेती है जिससे व्यक्ति में
रक्त की कमी हो जाती है। सिकल सेल आरबीसी के ऐसा बनने के लिए 'हीमोग्लोबिन प्रोटीन एस' ज़िम्मेदार है। यह बीमारी अनुवांशिक है जो
माता-पिता से बच्चों में आती है जिसे पूरी तरह ठीक करने हेतु जींस पर शोध जारी है
फिलहाल तो चिकित्सा परामर्श एवं उपचार से आंशिक तौर पर राहत मिल सकती है जिससे
जीवन लंबा और कम कष्टकारी हो सकता है।
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गुरुवारीय अंक में आज पढ़िए पांच पसंदीदा रचनाएँ-
कविता | पुराना गोपन प्रेम | डॉ (सुश्री) शरद सिंह
उन तहों के बीच
कुछ यादें
मिल जाती हैं अचानक
भीग जाता है मन
छूते ही
पुराने रुमाल में लिपटे
कागज की तहों में
कुछ रूमानी शब्दों को
जो है अब बेमानी
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पूर्व पीठिका:Reason
behind book creation
फूल लाया हूँ कमल के।
क्या करूँ' इनका,
पसारें आप आँचल,
छोड़ दूँ;
हो जाए जी हल्का!
किन्तु होगा क्या
कमल के फूल का?
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अमानवीयता के जंगल में यदि हां ?
आजकल मैं ना कोई
काम करता हूं,
बस दिन भर केवल
आराम करता हूं।
जब आराम करते करते
थक जाता हूं,
तो सुस्ताने को
फिर से आराम करता हूं।
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक दिया आपने
सादर वंदन
रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद 🙏