सामने आएगा कोई नहीं जानता।
हम कुछ कर नहीं सकते हैं ;
हाँ... आने वाले पल के क़दमों की
आहट को ज़रूर भांपने के लिए
अतिरिक्त सतर्क रह सकते हैं; पर
हो न परस्पर भीत पढ़ें जब विद्यालय में
मन में रक्खें प्रीत, विनय का भाव हृदय में !
कैसे होगा नाम भला ऐसी शिक्षा से
रहें बराबर छात्र जहाँ बाहर कक्षा के
चबूतरे पर धूनी जमाए बैठाअटल, तटस्थ, ध्यानमग्न ..अनगिनत शाखाओं औरअपनी फैली हुई जङों सेथामे मिट्टी का कण-कण,छूटने नहीं देता अटूट बंधन,
और मूर्ख मानव पंखा तौलिया कूलर एसी तलाश करता है इससे जान छूटाने के लिए , महिलायें तो और भी आगे हैं वे स्किन के इन महीन छिद्रों को क्रीम और पाउडर घुसा कर बंद कर देती हैं !
जय हो आप सबकी महा मानवी, मानवों !
सोचो ट्रैक सूट बिना, छोड़ें कैसे छाप।।
स्कूल ड्रेस जब से बनी, बच्चे हुए एक समान।।
मन को विचलित करने वाले
जवाब देंहटाएंभयानक हादसे कितना कुछ कह जाते है न...।
जीवन और मृत्यु के अनसुलझे
रहस्यों की दुनिया विस्मयकारी है।
सुंदर अंक
आभार
वंदन
बहुत ही भयानक हादसा ....कहाँ खबर है पल भर की । सभी जान गंवाने वाले यात्रियों को विनम्र श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी मेरे ब्लॉग की लिंक आज की हलचल में देने के लिए ! सभी सूत्र बहुत सुन्दर ! मेरा सप्रेम वन्दे स्वीकार करें !
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