निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 7 मई 2017

660....पाठकों की पसंद....आज कविता दीदी की पसंदीदा रचनाएँ

सादर अभिवादन...
पहली बार पाँच लिंकों का आनन्द में
पाठकों की पसंद के अन्तर्गत
आपके समक्ष पेश करती हूँ...
कविता दीदी (कविता रावत) की पसंद की रचनाएँ..

यूँ ही कोई किसी की सुध नहीं लेता 
बिन मांगे कोई किसी को कब देता 
जब तक विप्र सुदामा नहीं गए मांगने 
सर्वज्ञ कृष्ण भी कब गए उनके आंगने 
महलों का सुख, झोपड़ी को है जलाता 

वे कलियाँ जो भ्रमित होकर
अपने को पूर्ण खिला 
समझ बैठती है 
पड़ जाती है 
कुछ असामाजिक तत्वों के हाथ 
उनका इस कदर खिल जाना
बन जाता है अभिशाप


शादी-ब्याह की मौज-मस्ती में
“जब-जब मुझे किसी की शादी का निमंत्रण पत्र मिलता है 
तब-तब मुझे 30 नवम्बर का वह दिन खूब याद आता है। 
जब दुल्हन बन मंच पर बैठी तो लगा रानी बन गई हूँ। 
अब किससे कहूँ रोबोट बनी उस रानी को ढूंढ़ रही हूँ।" 


संगति का प्रभाव
हँसमुख साथ मिल जाय तो सुनसान रास्ता भी आराम से कट जाता है 
अच्छा साथ मिल जाने पर कोई रास्ता लम्बा नहीं रह जाता है 
शिकारी पक्षी कभी एक साथ मिलकर नहीं उड़ा करते हैं 
जो भेड़ियों की संगति में रहते हैं, वे गुराना सीख जाते हैं


असहाय वेदना
वो पास खड़ी थी मेरे
दूर कहीं की रहने वाली,
दिखती थी वो मुझको ऐसी
ज्यों मूक खड़ी हो डाली।
पलभर उसके ऊपर उठे नयन
पलभर नीचे थे झपके,
पसीज गया यह मन मेरा
जब आँसू उसके थे टपके।
........

My photo
कविता दीदी का परिचय उन्हीं के शब्दों में...

मैं शैल-शिला, नदिका, पुण्यस्थल, देवभूमि उत्तराखंड की संतति, प्रकृति की धरोहर ताल-तलैयों, शैल-शिखरों की सुरम्य नगरी भोपाल मध्यप्रदेश में निवासरत हूँ। मैंने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्‍त की है। वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग, भोपाल में कर्मरत हूँ। भोपाल गैस त्रासदी की मार झेलने वाले हजारों में से एक हूँ। ऐसी विषम परिस्थितियों में मेरे अंदर उमड़ी संवेदना से लेखन की शुरुआत हुई, शायद इसीलिए मैं आज आम आदमी के दुःख-दर्द, ख़ुशी-गम को अपने करीब ही पाती हूँ, जैसे वे मेरे अपने ही हैं। ब्लॉग मेरे लिए एक ऐसा सामाजिक मंच है जहाँ मैं अपने आपको एक विश्वव्यापी परिवार के सदस्य के रूप में देख पा रही हूँ, जिस पर अपने मन/दिल में उमड़ते-घुमड़ते खट्टे-मीठे, अनुभवों व विचारों को बांट पाने में समर्थ हो पा रही हूँ।

हम कविता दीदी के आभारी हैं


हमारा अगला अंक गुरुवार दिनांक 11 मई 2017 को प्रकाशित होगा
रचनाओं के लिंक्स आमंत्रित है










14 टिप्‍पणियां:

  1. पाँच लिंकों का आनंद की ओर से पेश हुई यह प्रस्तुति नयी पहल है जोकि सराहनीय है। कविता जी की प्रस्तुति में समाहित लिंकों में वैविद्धय के दर्शन हो रहे हैं। बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन संकलन ! सार्थक प्रयास, आभार। "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात..
    पहल पसंद आई
    यह पहल तभी सफल होगी
    जब हमारे और पाठक इसमें सहभागी बनेंगे..
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. यशोदा दीदी ।।।।
    आपका यह सृजनात्मक प्रयास हमारे लिए उत्साहवर्धन का कार्य करेगा। आपको नमन व सुंदर संकलन प्रस्तुत करने हेतु बधाई ।

    इस प्रकार हमे कविता दीदी के बारे में जानने और उनके मर्माहत हृदय की रचनाएँ पढने का सुअवसर प्राप्त हुआ।

    कविता दीदी को भी हमारी बधाई और शुभकामनायें।।।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर। बधाई इस नये प्रयोग की शुरुआत के लिये। निरन्तरता बनी रहे शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  6. हलचल की नई पहल की पहली प्रस्तुति मेरे नाम करने के लिए यशोदा जी एवं सभी चर्चाकारों का तहेदिल से धन्यवाद, आभार!
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर रचना..... आभार
    मेरे ब्लॉग की नई रचना पर आपके विचारों का इन्तजार।

    जवाब देंहटाएं
  8. Bahut khub

    Please Vsit My Blog...

    http://rahulhindiblog.blogspot.in/?m=1

    Thank you

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...