पाठकों की पसंद का दूसरा अंक
श्री ध्रुव सिंह जी "एकलव्य"
सोचने का विषय है कि
पाठक गण स्वतः स्फूर्त आगे नहीं आ रहे हैं
हम उन्हें इतना शानदार मंच प्रदान कर रहे हैं
जो उन्हें आगे बढ़ने में सौ प्रतिशत मदद करेगा
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
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शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंवाह...
शुक्रिया ध्रुव सिंह भाई
आपकी पसंद काबिले तारीफ़ है
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंएकलव्य जी आपकी तारीफ जितनी भी करूँ कम होगी। विविधतापूर्ण प्रस्तुतिकरण ।।।
जवाब देंहटाएंआदरणीय , 'दिग्विजय साहब' एवं 'यशोदा' दीदी सर्वप्रथम मैं आप सब को हृदय से धन्यवाद देता हूँ आपके इस सार्थक प्रयास के लिए। एक युवा कवि होने के नाते देश की समस्याओं को साहित्यिक रूप देकर लोगों तक पहुँचाना, भविष्य में मेरा प्रयास होगा। इसके लिए आपसभी प्रबुद्ध जनों के प्रोत्साहन का आकांक्षी हूँ ,अंत में मेरी चंद पंक्तियाँ,
जवाब देंहटाएंनहीं चाहता मान उपाधि
नहीं चाहता ज्ञानपीठ
रोको मत ! लेखनी
चलने दो !
शब्द सत्य हों,
कालजयी !
आभार। "एकलव्य"
सच तो विचारणीय विषय हैं कि आपके द्वारा इतना अच्छा शानदार मंच प्रदान किया जा रहा है और पाठकगण आगे नहीं आ रहे हैं, जबकि इससे लाभ उनको ही है। .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
आपके विचार हमारे लिये महत्वपूर्ण हैं ,आभार। "एकलव्य"
हटाएंबहुत बढियाँ संकलन।
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार व्यक्त करता हूँ ,धन्यवाद।
हटाएंक्या बात है ध्रुव जी...सुंदर संकलन👌👌👌
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका
शुभकामनायें। "एकलव्य"
हटाएंध्रुव जी सही चुनाव किया आपने। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंखासकर जूतियाँ!औऱ तितलीया।
आभार। "एकलव्य"
हटाएंबहुत सुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार। "एकलव्य"
हटाएं"पाँच लिंकों का आनंद" की यह प्रस्तुति रचनाकर्म के नए द्वार खोलती है। साइट की ओर से प्रक्रिया सम्बन्धी और अधिक स्पष्टीकरण उदहारण के साथ पेश होने पर ज़्यादा से ज़्यादा पाठकों की रूचि जागेगी इस मंच का प्रतिभागी बनने की। एकलव्य जी सहित सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंहृदय से स्वागत है ,आभार। "एकलव्य"
हटाएंबहुत ही बढियासंकलन....
जवाब देंहटाएंमेरी रचना सम्मलित करने हेतु हृदय से आभार।
बहुत ही बढिया संकलन।
जवाब देंहटाएंहृदय से आभार। "एकलव्य"
हटाएंवाह बढ़िया अंक ।
जवाब देंहटाएंआपके विचारों का हृदय से स्वागत है। आभार "एकलव्य"
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