निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 21 मई 2017

674....पाठकों की पसंद.....आज के पाठक हैं श्री ध्रुव सिंह जी

सादर अभिवादन..
पाठकों की पसंद का चौथा अंक....
आज श्री ध्रुव सिंह जी की पसंद की रचनाएँ....

इतिहास के नाज़ुक मोड़ पर 
खड़े  होकर हम 
भूमंडलीकरण को कोस  रहे  हैं, 
देख  भूखे पेट सोतों को 
अपना मन मसोस  रहे  हैं।

रूठे हैं जो क़िस्मत के तारों के बहाने से
वो मान भी जाएँगे थोड़ा सा मनाने से

तन्हाई से घबरा के निकले थे सुकूँ पाने
गम ले के चले आए ख़ुशियों के घराने से

रातरानी की महक से
फिर हवा बौरा गई,
इक गजल महकी हुई सी
लिख गई फिर रात... 

काँटों के संग उगी हुई
तीक्ष्ण धूप में पगी हुई
कलिका हूँ मैं तेरी माँ !
रचना हूँ मैं तेरी माँ ! 

भुलाये भूलते कब हैं वो यादें वो मुलाकातें,
भरे परिवार में अक्सर अकेलापन ही खलता है ।

कभी तारों से बातें कर कभी चंदा को देखें वो,
कभी गुमसुम अंधेरे में खुद ही खुद को समेटें वो ।

:: पाठक परिचय ::
श्री ध्रुव सिंह जी दूसरी बार आए हैं
"सरल संदेशों में लिपटा हूँ, 
मैं अनजाना राही ,
चंद शब्द में, 
बात मैं कहता ,

कालजयी कलम का सिपाही "
.....
सादर







11 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात.....
    आभार
    आपकी पसंद काफी से
    अधिक अच्छी है
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात सुंदर संकलन लिंग पसंद आए आभार

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कृपया सुधार कर पढ़े....
      शुभ प्रभात सुंदर संकलन लिंक पसंद आए आभार
      भाई कुलदीप जी बोल कर टाईप करते हैं
      वो देख नहीं सकते
      गलतियां स्वाभाविक है
      सादर

      हटाएं
  3. आदरणीय ,यशोदा दीदी मेरी पसंद की रचनाओं को सम्मान देने के लिए हृदय से आभार, "एकलव्य"

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर रचनाएँ । सुंदर लिंकों का चयन ध्रुव बधाई स्वीकार करें।

    जवाब देंहटाएं
  5. आज रविवार अर्थात "पाँच लिंकों का आनंद " में पाठकों की पसंद का अंक। रचनाकारों की ओर से बहन यशोदा जी हार्दिक आभार। सृजन के नए आयाम रचनाकारों ,पाठकों को आकर्षित करते हैं ,प्रेरित करते हैं क्योंकि जीवन का मर्म नवीनता और परिवर्तन में समाहित है।
    ध्रुव सिंह "एकलव्य" जी की सक्रियता प्रसंशनीय है। मेरी रचना को इस प्रतिष्ठित मंच के माध्यम से चर्चित करने के लिए आपका हार्दिक आभार एकलव्य जी।
    सभी लिंक अपनी -अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं। चयनित रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  6. जो पाठक इस मंच पर अपनी पसंद की रचनाऐं भेजना चाहते हैं वे 5 रचनाऐं चुनें और उनके लिंक रचनाओं के विशेष अंश के साथ ,अपने परिचय का संक्षिप्त विवरण देते हुए "पाँच लिंकों का आनंद "(http://halchalwith5links.blogspot.in) पर बायीं ओर प्रदर्शित संपर्क फॉर्म को पूरा करके भेज सकते हैं। रचनाकार 2 अपनी और 3 अन्य रचनाकारों की रचनाऐं भेज सकते हैं। रविवार और गुरुवार को प्रकाशित होने वाले इन विशेष अंकों के लिए प्रकाशन योग्य सामग्री 2 दिन पूर्व प्रेषित करनी चाहिए।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर संकलन ...
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार एवं धन्यवाद, यशोदा जी !एवं ध्रुव जी !

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...