फिर खिला है अमलतास.....रश्मि शर्मा
फिर खिला है
अमलतास
सूनी दोपहर
घर है उदास
पीले गजरे
झूम रहे कंचन वृक्ष में
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति
सादर
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिनक्स आज की हलचल में ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार दिग्विजय जी !
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति। आभार दिग्विजय जी बावरे 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर हलचल प्रस्तुति
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