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बुधवार, 12 सितंबर 2018

1153..शब्दों के श्रृंगार से जो सजती संवरती है..


।।प्रातः वंदन।।
शब्दों के श्रृंगार से जो सजती संवरती है
जिसे सीखने को देवों को भी अभिलाषा है,

देवनागरी सी अन्य कहीं कोई लिपि नहीं

राष्ट्र भाषा हिन्दी सी दूजी न कोई भाषा है।।



हिन्दी भाषा के समृद्धि में भागीदारी करनेवाले आज के रचनाकारों के नाम है..✍
🍃
आदरणीया कुसुम कोठारी जी



प्रकृति लिये खड़ी कितने उपहार

चाहो तो समेट लो अपनी झोली में

अंखियों की पलकों में

दिल की कोर में ,साँसों की सरगम में

देखो उषा की सुनहरी लाली
कितनी मन भावन ,
उगता सूरज ,ओस की शीतलता...

🍃

अनुराधा चौहान जी की रचना
..

एहसासों की

डोर बांध कर

अरमानों को

दिल में सजा कर

मैं आई तेरे संग सजना
अपने बाबुल
को छोड़कर
माँ के आंगन...
🍃


ब्लॉग बिहारी धमाका से..



सांस्कृतिक संस्था 'लेख्य मंजूषा' की पत्रिका 'साहित्यिक स्पंदन' का लोकार्पण भव्य समारोह के 
बीच दिनांक 8.9.2018 को दिल्ली में इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स के सभागार में संपन्न हुआ..

🍃



काजल कुमार के कार्टून 
जागो मुन्‍ना जागो...
🍃
समाधान से व्यंग्य..


कुछ दिनों से हमारी पड़ोसन सर जमीने पाक गर्भ से है, ये खबर तो आपको पता ही है।

गत कुछ दिनों से पाकिस्तान को दर्द की शिकायत बढ़ती जा रही है। जिसे देखते हुए विदेश यात्रा 
पर गये हुए डाक्टर डोभाल से सम्पर्क किया गया है।..



🍃


अंत करती हूं आदरणीया अनिता जी की मधुर..

नभ से गिरती हुई जल धाराएँ
जिनमें छुपा है एक संगीत
जाने किस लोक से आती हैं
धरा को तृप्त कर माटी को कोख से
नव अंकुर जगाती हैं..
🍃
हम-क़दम का छत्तीसवाँ क़दम
का विषय...
यहाँ देखिए...........


🍃
।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह..














                                  

16 टिप्‍पणियां:

  1. हिन्दी
    हिन्दी ही है
    माथे पर
    लगती बिन्दी है
    एक बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहद खूबसूरत प्रस्तुति पम्मी जी बहुत सुंदर रचनाएं पढ़ने को मिली सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को पांच लिंकों का आनंद में स्थान देकर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए आपका बहुत बहुत आभार

    जवाब देंहटाएं
  4. हिंदी दिवस की अग्रिम सुभकामनाएँ, वैसे तो पूरा एक पखवाड़ा या कहें सितम्बर महीना ही हिंदी के नाम होता है किन्तु हिंदी का प्रसार और प्रचार वर्ष भर ही होना चाहिए. कोमल भावनाओं को व्यक्त करती कविताओं से सजा है आज का अंक, बधाई !

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. चुनींदा लिंक्स का समायोजन है इस हलचल में।

    🙏

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  8. साहित्य की अलख जगाए रखने का अनोखा प्रयास है आपका. बहुत बहुत हार्दिक साधुवाद.

    जवाब देंहटाएं
  9. हिन्दी को समर्पित प्रस्तावना के साथ विचारणीय लिंक संयोजन।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रिय पम्मी जी --न सारी रचनाएँ पढ़कर -- बहुत ही अच्छा लगा आज का शानदार अंक | सभी काव्य रचनाओं के साथ कमाल का व्यंग पढ़ मन को बहुत आनन्द हुआ | इस सुंदर प्रस्तुती के लिए सस्नेह बधाई और सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें |

    जवाब देंहटाएं
  11. सुप्रभात
    बहुत ही शानदार संकलन हैं मज़ा आ गया

    जवाब देंहटाएं
  12. खूबसूरत लिंक संयोजन ! बहुत सुंदर आदरणीया।

    जवाब देंहटाएं
  13. सुन्दर प्रस्तुति ..सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं

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