आज सोच रहा हूं......
जीवन में क्या खोया, क्या पाया है.....
स्मरण कर रहा हूं आज उनको.....
जो आज मेरे पास नहीं है.....
आज मेरे पास केवल उनकी यादें हैं.....
मुझे अपने जीवन में.....
अधिकांश अच्छे लोग ही मिले.....
कुछ ऐसे लोग भी मिले.....
जो अधिक अच्छे नहीं थे.....
उनसे भी मुझे कुछ विशेष क्षति नहीं हुई......
मैं आज उन हाथों को भी याद करता हूं......
जिन्होंने मुझे अनेकों अनेक बार हाथ पकड़कर रास्ता पार करवाया.....
मैं नहीं भूल सकता उन आंखों को.....
जो समय समय पर मेरे लिये काम आयी....
संसार बहुत ही सुंदर है......
उससे भी सुंदर ईश्वर की बनाई हुई हर चीज है......
....जो पढ़ा है.......
पेश है उस में से कुछ चुनी हुई रचनाएं.....
प्रभु, मैं याचक हूँ, माँगती रहूँगी ...
प्रभु,
मैंने देखा उनको कीमती वस्त्र चढ़ाते,
...
कम उम्र थी मेरी
तब बड़े यत्न से मैंने भी कुछ कुछ लिया,
लेकिन बड़ा अटपटा लगा ।
संभावना
जब - जब हम हाथ मिलाएं
गर्मजोशी से ,
अपनी - अपनी कमियों में
देख पायें,
नयी संभावनाएं !
जागो उठो
वंचित,शोषित,पीड़ित जन सब, उठो खड़े हो अपने दम पर
आत्मविश्वास जगाओ अभी, हो जाओ तुम खुद पर निर्भर |
अधिकार नहीं मिला किसी को, हाथ जोड़कर माँगो न कभी
ताकतवर शक्ति छीन लेते, तुम भी छीनो झुकना न कभी |
यह देश है तुम्हारा, मालिक तुम्ही हो इस हिंदुस्तान के
क्षतिपूर्ति (कहानी)
अरिजीत ने सेफ से पचास हजार रुपये निकाले और कर्मचारी को बुलाकर कहा,
“तुम तो उनके परिचित हो, ये जाकर उनको दे देना, कहना कि तुम अपनी ओर से दे रहे हो, आराम से अपना सेंटर खोलें...समझे? ये मत बताना कि डीएम साहब ने दिया है”
कर्मचारी विमल को मानने लगा था. उसका चेहरा खिल उठा. वह पैसे लेकर निकल गया.
“अब खुश?” अरिजीत ने तारिका से पूछा. तारिका ने हाँ में सिर हिलाया. अरिजीत बोला,
“उसकी बेटी को बड़ी होने दो, उसकी पढ़ाई का खर्च भी हम देंगे, कोई बहाना सोचना शुरू कर दो आज से उस मदद के लिए भी! हाहाहा”
“हाँ, जिस दिन उनके सामने जाने की हिम्मत जुट जाए, पैर पकड़ के माफी माँग लूँगी उनसे...” कहते-कहते तारिका के आँसू धारा बनके बहने लगे.
कर्म का उपदेश कान्हा नाम है ...
पूछ कर देखो बिहारी लाल से
है जहां पर प्रेम वो ब्रज-धाम है
रास हो बस रास हो गोपाल संग
गोपियों का घर न कोई ग्राम है
हे कन्हैया शरण में ले लो मुझ
तू ही मेरा कृष्ण तू ही राम है
पुलिसवाले तो पैसे लेते हैं सर! देते नहीं
लेकिन तभी सहा. प्रशासकीय अधिकारी ने दखल दिया। उन्हें लगा कि रकम तय करने में ऑडिटर ने चूक की है। उनके हिसाब से यह रकम ढाई हजार होनी थी। उन्होंने अपने हिसाब से गणना के ब्यौरे ऑडिट विभाग को भेजे। विभाग ने अपनी चूक मानी और वसूली साढ़े सात हजार से ढाई हजार पर आ गई। हम सबकी सहानुभूति कर्मचारी के साथ थी। उसने घपला तो किया नहीं था! मैंने ग्राहक का नाम पूछा। (तब तक मुझे केवल रकम बताई गई थी, ग्राहक का नाम नहीं।) नाम सुनकर मैं बल्लियों उछल पड़ा। वे मेरे अच्छे मित्र निकले।
मैं उन्हें तब से जानता हूँ जब वे उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) थे। नाम है - श्री ए. पी. तोमर। रेकार्ड में श्री अनंग पाल सिंह तोमर और दुनियादारी में श्री आनन्द पाल सिंह तोमर। वे खण्डवा में हैं। बहुत ही शानदार आदमी। उनसे बात किए बिना ही मैंने सबको भरोसा दिला दिया कि वे रकम लौटा देंगे। कर्मचारियों ने अविश्वास
और हैरत से कहा - ‘लौटा देंगे! आप कैसे कह रहे हैं? आपने बात कर ली उनसे?’ मैंने बताया कि वे ऐसे आदमी हैं जिनसे बात किए बिना ही उनकी ओर से वादा किया जा सकता
हिंदी दिवस: हिंदी बोलने पर शर्म नहीं, गर्व कीजिए...
इंसान की कल्पनाशक्ती का विकास मातृभाषा में ही हो सकता हैं। सच्चाई यहीं हैं कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी इंसान को ज्यादा समृद्ध बना सकती हैं।
हम-क़दम
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम का पैंतीसवाँ क़दम
इस सप्ताह का विषय है
'मितवा'
...उदाहरण...
कल से क्या
आज से गवाही ले मितवा
आंखों में झीलें हैं
झीलों में रंग
रंगवती हलचल की
-हरीश भादानी
उपरोक्त विषय पर आप को एक रचना रचनी है
एक खास बात और आप इस शब्द पर फिल्मी गीत भी दे सकते हैं
चाहूँगा मैं तुझे....
दर्द भी तू चैन भी तू
दरस भी तू नैन भी तू
मितवा ...
मेरे यार तुझको बार बार
आवाज़ मैं न दूँगा, आवाज़ मैं न दूँगा
अंतिम तिथिः शनिवार 08 सितम्बर 2018
प्रकाशन तिथि 10 सितम्बर 2018 को प्रकाशित की जाएगी ।
रचनाएँ पाँच लिंकों का आनन्द ब्लॉग के
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धन्यवाद।
बहुत सुंदर गीत सुबह सुबह मज़ा आ गया ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब सुंदर हलचल आज की ... आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ... मंगल मंगलमय हो ...
सुप्रभातम् कुलदीप जी,
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार करें।
सदा निरोग और प्रसन्न रहें,जीवन की हर खुशी आपकी झोली में हो ईश्वर से यही प्रार्थना है।
आज की भूमिका की पंक्तियाँ बेहद प्रेरक है।
सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है। सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई आपको। सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं।
सादर।
बहुत सुंदर रचनाएं शानदार प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात भाई कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत प्रस्तुति
आभार...
और आपको
`उत्तर से उन्नति,
दक्षिण से दायित्व ,
पूर्व से प्रतिष्ठा,
पश्चिम से प्रारब्ध,
आग्नेय से उर्जा,
नैऋत्य से नैतिकता,
वावव्य से वैभव,
ईशान से ऐश्वर्य,
आकाश से आमदनी,
पाताल से पूंजी,
दसों दिशाओ से
शान्ति, सुख समृद्धि,
और सफलता प्राप्त हो
आपको आपके जन्म दिवस पर शुभकामनाएँ!
सादर
उम्दा हलचल
जवाब देंहटाएंखोया पाया का हिसाब किताब होना चाहिए लेकिन जो खो दिया वो अचेतन मन का हिस्सा हो तो ज्यादा अच्छा होता है.
सुप्रभात कुलदीप जी..जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँँ
जवाब देंहटाएंसुंदर, संतुष्ट, संतुलित प्रस्तुति के साथ आज की लिंक विशेष बन गई है।
आभार।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं कुलदीप जी। बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन सभी चयनित रचनाकारों को बधाई बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंईश्वर की बनाई हुई हर चीज सुंदर हैं!! बहुत बढिया, कुलदिप जी!
जवाब देंहटाएंहो पुरी दिल की हर ख्वाहिश आपकी,
और मिले खुशियों का जहां आपको,
जब कभी आप मांंगेआसमान का एक तारा,
तो खुदा दे दे सारा आसमान आपको!!
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं...
मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!
हार्दिक बधाई जन्मदिन और इस सुंदर संकलन की।
जवाब देंहटाएंजन्मदिन पर शुभकामनाएं कुलदीप जी। सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशुभप्रभात .. आदरणीय कुलदीप जी को जन्मदिन की असीम शुभकामनाएं..सुंदर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति...सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं।जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंHappy Birthday Kuldeep bhai
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंकुलदीप जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं!
बेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम कुलदीप जी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ
जवाब देंहटाएंआज का संकलन बहुत ही सुंदर है
अंत में दोस्ती फ़िल्म का गीत सुन के मन खुश हो गया
हार्दिक शुभकामनाएं जन्मदिन की । बहुत खूबसूरत संकलन ।सभी चुनिंदा रचनाकारों को बधाई ।
जवाब देंहटाएंजन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनायें भाई कुलदीप जी को.
जवाब देंहटाएंसारगर्भित भावनात्मक भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति.
सभी रचनायें प्रभावशाली हैं.
चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनायें.
प्रिय कुलदीप जी -- बहुत चाहा कि आपको सुबह- सवेरे ही जन्म दिन की शुभकामनायें दे दूं पर नहीं हो सका जिसका मुझे खेद है | आपको मेरी ओर से जन्म दिन की ढेरों हार्दिक शुभकामनायें और बधाई | माँ सरस्वती आपके सहित्य प्रेम और पारदर्शी भावपूर्ण लेखन को नए आयाम दे | |उत्तम स्वास्थ्य के साथ आप हमेशा साहित्य सेवा में लगे रहें यही कामना है | आज की सभी रचनाएँ देखी बहुत अच्छी हैं| सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें | आपको भी हार्दिक बधाई इस सुंदर प्रस्तुति के लिए |
जवाब देंहटाएंविलम्बित बधाई जन्मदिन की कुलदीप जी ,बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।