जनता कहती
सता रही है
महँगाई की मार,
नेताओं को
पहनाओ अब
सूखे पत्तों के हार।
लेने वोट हमारा
नेता झुकते बारम्बार,
जीत गये तो
इनका सजता
सुरक्षित शाही दरबार।
तीज की शुभकामनाएं…. प्रियंका श्री
मांग में भर लाल सिंदूर,
ओढ़ लाल चुनर सिर से,
मांगती हूँ वादा तुझसे ,
साथ सात जन्मों का ,
'उलूक’ तखल्लुस है, कवि नहीं है,
कविता लिखने नहीं आता है जो उसे समझ में नहीं आता है
बस उसे बेसुरा गाना शुरु हो जाता है…..
डॉ. सुशील कुमार जोशी
कुछ नहीं जाता है
होनी है
जो होती है
उसे
अपने अपने
पैमाने से
नाप लिया जाता है
बदलना भविष्य का…. दिगम्बर नासवा
तो क्यों न मिल कर बदल दें “आज”
भविष्य में समझे जाने वाले इतिहास जैसे
गीता भी तो कहती है परिवर्तन संसार का नियम है
बदल दें आज भविष्य की सोच की तरह ...
मैं हूं आम आदमी.....अभिलाषा चौहान
मैं जब जागा
हुई क्रांतियां अनेक
पल में बदल गया इतिहास
बस मैं परखता हूं
सब ओर निरखता हूं
अति सर्वत्र वर्जयेत पर
अमल करता हूं
मैं गिरगिट नहीं जो
रंग बदल दूं
सूचना प्रौद्योगिकी और हिंदी
मानव जाति हार नहीं मानती
अरविंद कुमार
लेख्य मंजूषा पटना की की ओर से अपनी पत्रिका
'साहित्यिक स्पन्दन'
का लोकार्पण एवं कवि-गोष्ठी दिल्ली में सम्पन्न.....
हेमंत दास "हिम"
का लोकार्पण भव्य समारोह के बीच दिनांक 8.9.2018 को दिल्ली में इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स के सभागार में संपन्न हुआ, स्वागत
भाषण संगीता गोविल ने किया. लोकार्पण के बाद एक शानदार,
कवि गोष्ठी "समाज-सौगात सौ के जज़्बात " का आयोजन हुआ।
जहाँ मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं - श्रीमती प्रतिमा चतुर्वेदी,
श्रीमती नीलिमा शर्मा, और श्री मुकेश कुमार सिन्हा.
पाक्षिक संस्करण
मीम ..राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
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हम-क़दम के छत्तीसवें क़दम
का विषय...
यहाँ देखिए...........
आज बस यहीं तक।
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार।
कल की प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी।
रवीन्द्र सिंह यादव
शुभ प्रभात भाई रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
सही व सटीक रचनाओं का चयन तो कोई
आपसे सीखे
आभार
सादर
सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंहम आभारी है लेख्य-मंजूषा की खबर यहाँ होने से
सस्नेहाशीष
बेहतरीन रचनाएं सुंदर प्रस्तुति रवीन्द्र जी सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआज की मनभावन हलचल प्रस्तुति में 'उलूक' के सूत्र को भी जगह देने के लिये आभार रवींद्र जी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंगणेशोत्सव की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं!
बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंगणेश चतुर्थी की अनन्ई शुभकामनाएं।
बेहतरीन प्रस्तुतिकरण सुंदर लिंकों का चयन के लिए बधाई रवीन्द्र जी को।
जवाब देंहटाएंआभार।
शुभसंध्या रवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंसमसामयिक परिदृश्य में गंभीर चिंंतन को प्रेरित करती आपकी सारगर्भित भूमिका बेहद विचार को उद्वेलित कर रही है।
सभी रचनाएँ. बहुत अच्छी लगी।
सुंदर प्रस्तुति की बधाई स्वीकार करें।
रवीन्द्र जी, आभार,सुन्दर प्रस्तुति,इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवीन्द्र जी सदा की
जवाब देंहटाएंतरह बेहतरीन प्रस्तुति श्रेष्ठ रचनाओं का सुंदर संकलन
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका सादर आभार
सुंदर प्रस्तुति रवीन्द्र जी
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई 🙏🙏🙏
नेता बस अपने लिए काम करते हैं ।..
जवाब देंहटाएंअच्छा संकलन है आज का ... आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
रवीन्द्र जी सादर अभिनन्दन, आपकी बहतरीन प्रस्तुतियों के लिए तथा आपके इस मंच पर उपस्थित सभी रचनाकारों के लिए सादर प्रणाम आपका व आपके सहयोगियों का भी हार्दिक अभिनन्दन इस बात के लिेए कि वे सभी अपना कीमती समय लगाकर इतने वढ़िया ब्लाग्स को यहाँ प्रस्तुत करते हैंं। मैरी साइट https://www.ayurvedlight.com/ पर भी आप लोग सादर आमंत्रित हैं। हाँ एक बार पुनः मैं आपका आभारी हूँ कि आपने मेरी साइट का लिंक यहाँ दिया है हो सकता है कि मेरी लेखनी किसी रोगी का कष्ट दूर कर सके।
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