रात्रि की इस तन्हाई में जब हम दो ही साथ होते हैं , अक्सर यह सवाल मैं अपने मासूम दिल से पूछता हूँ कि बंधु माना कि हम किसी के नहींं हो सके ना कोई हमारा ही हुआ ,तो भी तुम्हें इन नगमों की थपकियों से नींद की देवी के आगोश में पनाह दे ही देता हूँ। देखों न हम -तुम आपस में कितने लड़ते -झगड़ते हैं, रूठते- मनाते हैं और जीवन का हर दर्द खुशी- खुशी बांट लेते हैं। यह मान लेते हैं कि हम दोनों की नियति है, यह तन्हाई। हाँ, यह सत्य है कि तुम्हारी अनेक चाहतों को मैं पूरा नहीं कर सका हूँ । तुम्हारी उदासी कभी- कभी मेरे मुस्कुराते चेहरे पर भी झलक आती है। तुम्हारी मासूमियत पर , तुम्हारी कसमसाहट पर , तम्हारी बच्चों जैसी बातों पर जब तरस मुझे आता है , तो एक टीस हृदय में उठती है। स्मृतियों के पटल पर अतीत का मानचित्र बनने लगता है -
इंकलाब जिंदाबाद... शहीद-ए-आजम भगत सिंह का यह बुलंद नारा आज भी नौजवानों ,कामगारों और अपने हक अधिकार को लेकर प्रदर्शन करने वाले तमाम लोगों के लिए जोश भरने वाला है। ऐसे महान भारत माता के सपूत को मेरा नमन और हमारा समाज उनसे प्रेरणा प्राप्त करते रहे ,भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष जारी रहे, ऐसी कामना हम करते हैं। जय हिन्द
****** कोई नहीं है फिर भी है मुझको कोई नहीं है फिर भी है मुझको क्या जाने किसका इंतज़ार हो ओ ओ.. कोई नहीं है फिर भी है मुझको क्या जाने किसका इंतज़ार हो ओ ओ.. ये भी ना जानूँ लहेरा के आँचल किसको बुलाये बार बार...
"पत्थर के सनम" चित्रपट में लता दीदी का गीत है यह ... सच कहूँ,तो अपने सदाबहार गायक मुकेश जी के बाद लता दी मुझे बहुत पसंद हैंं .. वे सौ बसंत पूरा करें ,यही मेरी शुभकामना है। ******* श्वेता जी शब्दों के रंग से सजा बेहद खुबसूरत आजका अंक है। मुझ नादान की बातों को ब्लॉग पर स्थान देने के लिये हृदय से आभार आपको। ******
जयशंकर प्रसाद जी की रचनाओं से ब्लॉग का स्वाद ही बढ़ गया है...नये रचनाकारों को साहित्य सृजन की विधा पता चलेगी. सभी लिंक्स नायाब रहे आज की हलचल के. लजा जी का यह गाना मुझे भी बेहद पसंद है.
भारत के महान सपूत शहीद भगतसिंह को विनम्र श्रद्धांजलि ! जयशंकर प्रसाद जी की कालजयी रचनाओं का रसास्वादन करने के लिए शुक्रिया..सुंदर सूत्रों से सुसज्जित आज के अंक के लिए बधाई !
वाह आज का दिन हुतात्मा भगत सिंह का जन्म दिवस!! हर दिल अजीज कोकिल कंठी आदरणीय लता जी का जन्म दिन, और साथ ही काव्य सम्राट प्रसाद जी की रस से सरोबार सरस रचनाओं का आस्वादन, आज का अंक इतनी विशिष्टता समेटे सुंदर लिंको के साथ, मन प्रसन्नता से भर गया श्वेता बहुत बहुमूल्य प्रस्तुति के लिये आभार और बधाई । सभी रचनाकारों को बधाई
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जवाब देंहटाएंइंकलाब जिंदाबाद...
शहीद-ए-आजम भगत सिंह का यह बुलंद नारा आज भी नौजवानों ,कामगारों और अपने हक अधिकार को लेकर प्रदर्शन करने वाले तमाम लोगों के लिए जोश भरने वाला है। ऐसे महान भारत माता के सपूत को मेरा नमन और हमारा समाज उनसे प्रेरणा प्राप्त करते रहे ,भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष जारी रहे, ऐसी कामना हम करते हैं। जय हिन्द
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कोई नहीं है फिर भी है मुझको
कोई नहीं है फिर भी है मुझको
क्या जाने किसका इंतज़ार
हो ओ ओ..
कोई नहीं है फिर भी है मुझको
क्या जाने किसका इंतज़ार
हो ओ ओ..
ये भी ना जानूँ लहेरा के आँचल
किसको बुलाये बार बार...
"पत्थर के सनम" चित्रपट में लता दीदी का गीत है यह ... सच कहूँ,तो अपने सदाबहार गायक मुकेश जी के बाद लता दी मुझे बहुत पसंद हैंं .. वे सौ बसंत पूरा करें ,यही मेरी शुभकामना है।
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श्वेता जी शब्दों के रंग से सजा बेहद खुबसूरत आजका अंक है। मुझ नादान की बातों को ब्लॉग पर स्थान देने के लिये हृदय से आभार आपको।
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंअब श्रमबिन्दु पोंछ लीजिए
बेहतरीन प्रस्तुति
सादर
सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंजयशंकर प्रसाद जी की रचनाओं से ब्लॉग का स्वाद ही बढ़ गया है...नये रचनाकारों को साहित्य सृजन की विधा पता चलेगी.
जवाब देंहटाएंसभी लिंक्स नायाब रहे आज की हलचल के.
लजा जी का यह गाना मुझे भी बेहद पसंद है.
अप्रतिम प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबार-बार पढने हेतु विवश है मन...
बधाई ....व...सुप्रभात
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
प्रस्तूत करने का नायाब तरीका
उम्दा
सादर
कविवर जयशंकर प्रसाद जी की रचनाओं के साथ बहुत ही शानदार प्रस्तुतिकरण....उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत प्रस्तुति के साथ आज की हलचल।उम्दा लिंकों के बीच मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएँँ।
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन।
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,बहुत ही लाजवाब प्रस्तुति । सभी लिंक बहुत ही सुंदर ।प्रसाद जी की रचनाएं पढवाने हेतु धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंभारत माता के महान सपूत को शत शत नमन ।
बेहतरीन रचनाएं शहीद भगत सिंह जी को शत् शत् नमन 🙏 सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंलाजवाब अंक
जवाब देंहटाएंसादर...
भारत के महान सपूत शहीद भगतसिंह को विनम्र श्रद्धांजलि ! जयशंकर प्रसाद जी की कालजयी रचनाओं का रसास्वादन करने के लिए शुक्रिया..सुंदर सूत्रों से सुसज्जित आज के अंक के लिए बधाई !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबढ़िया अंक।
जवाब देंहटाएंवाह आज का दिन हुतात्मा भगत सिंह का जन्म दिवस!!
जवाब देंहटाएंहर दिल अजीज कोकिल कंठी आदरणीय लता जी का जन्म दिन, और साथ ही काव्य सम्राट प्रसाद जी की रस से सरोबार सरस रचनाओं का आस्वादन, आज का अंक इतनी विशिष्टता समेटे सुंदर लिंको के साथ, मन प्रसन्नता से भर गया श्वेता बहुत बहुमूल्य प्रस्तुति के लिये आभार और बधाई । सभी रचनाकारों को बधाई