निवेदन।


फ़ॉलोअर

रविवार, 9 सितंबर 2018

1150...चिट्ठागिरी करने का भी उसूल होता है, लिखना लिखाना कहाँ बेफजूल होता है

सादर अभिवादन....
नया कुछ भी नहीं....
कोई चेन स्नेचर भीड़ द्वारा पकड़ा जाता है
तो भीड़ उसको वाजिब सजा दे देती है....
और उस इलाके में महिला सुरक्षित हो जाती है
शायद यही सही न्याय है.....
खैर...आपको ले चलते हैं लिंक्स की ओर... 

कल जब सुप्रीमकोर्ट मॉब लिंचिंग पर अपने कथित ”कड़े-रुख” से सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा था, ठीक उसी समय बिहार के बेगूसराय में भीड़ ने चार हथियारबंद अपराधियों को उनके किये की सजा दे भी दी। ना तारीख… ना गवाह और फैसला ऑन द स्‍पॉट। यहां भीड़ ने उन चार में से दो को तो पीट-पीट कर ही मार डाला, तीसरे को पुलिस बचाकर ले गई और चौथा फरार हो गया। ये चारों बदमाश दो मोटरसाइकिलों पर हथियार लहराते हुए एक छात्रा को खोजते-खोजते न सिर्फ स्‍कूल तक जा पहुंचे बल्‍कि टीचर की कनपटी पर कट्टा रखकर धमकाने लगे। यह माज़रा देख बच्‍चों ने शोर मचाया तो पास ही खेतों में काम कर रही मजदूर-किसान महिलायें आईं और बदमाशों को घेर लिया। फिर पुरुषों द्वारा बदमाशों की पिटाई कर उन्‍हें उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया।

रात बड़ी कंजूस है,
समेट रही है 
अपने आँचल में 
ओस की बूँदें,
नहीं जानती वह 
कि चले जाना है उसे 

यूं ही होता जब बंद किताबों के पन्ने पलटते हैं
सफे यादों  के ठहरे रूके फिर - फिर  चलते हैं

गम और खुशी सभी के हिस्सा ए हयात होता है
कभी हंसाता है और कभी बेपनाह रूलाता है

बरबस हुई प्रीत, उन लहरों से मुझे,
हँसकर बहती रही, ये लहरें देखकर मुझे,
रुक जाती काश! दो पल को ये लहर,
समेट लेता इन्हें, अपनी आगोश में भरकर,
बहती है लहरें, खामोश है किनारा....

रहबरी भी तिजारत हुई आजकल 
जिसका मक़सद ही बस लूटना हो गया 

जिसको देखा नहीं जिसको जाना नहीं 
क्या कहें ,दिल उसी पे फ़ना हो गया

ये 
लिखना भी 
अजब होता है 

लिखने 
के बाद भी 
बहुत कुछ होता है 

टाँग देता है 
कोई और 
कहीं ले जा कर 
लिखा हुआ 

बस 
उसे पढ़ने वाला 
कहीं और को 
गया होता है 

आज बस इतना ही
आज्ञा दीजिए
यशोदा











8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात सुंदर हलचल प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. आभार यशोदा जी 'उलूक' को आज की सुन्दर हलचल के शीर्षक पर जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  3. बढिया संकलन.. सभी रचनाकारों को बधाई
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बहुत धन्‍यवाद यशोदा जी मेरी ब्‍लॉगपोस्‍ट को हलचल में शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. लाजवाब प्रस्तुति करण उम्दा लिंक संकलन....

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर लिंक्स। मेरी रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...