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रविवार, 2 सितंबर 2018

1143..देखता कुछ, और है बताता कुछ, और चला जाता है

आज दूसरी तारीख है....
सितम्बर माह की....
साल पूरा होते देर नहीं लगती

सो नए वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ...
अब चलें लिंक की ओर.....

भुखमरी के दर्द को कौन समझता है.....कविता रावत 

पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है
जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है

पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है
पर अपने दिल का दर्द पहाड़ सा लगता है



बरसात में.....आशा सक्सेना

जब भी फुहार आती है
 ठंडी बयार चलती है
तन भीग भीग जाता है
मन भी कहाँ बच पाता है |




सेदोका.......मीना भारद्वाज
मेरी फ़ोटो
भोर का तारा
कर रहा इशारा
दिन की शुरुआत
ऊषा के साथ
कल को भूल कर
आज की नींव रख


क्रम विहीन ज़ज़्बात...अमित निश्च्छल

चंचल हैं भावों के पंछी
उड़ भी जाते हैं, ख़बर नहीं
आँखों से ओझल होते जब
भौंहों पर ही तब बैठ कहीं;
कहीं सुगम सी जगह देखकर
बैठ किनारे अग्नि-सरित के
चुन-चुनकर अंगारे पीते
प्यासे हैं, फिर भी खड़े वहीं


क्षणिकाएँ....डॉ. इन्दिरा गुप्ता

सूखे फूल खुली डायरी 
जले शमा जब  सारी रात 
सोई यादै जग जाती है 
कौन सुलाये  उनको जाय !


राजपूत....अनुराधा चौहान

देश की शान
राजपूत महान
जग में नाम

शत्रू दहला
तलवार उनकी
जब चमकी


क़लम के सिपाही.....श्वेता सिन्हा

क़लम के सिपाही,
जाने कहाँ तुम खो गये?

है ढूँढती लाचार आँख़ें
सपने तुम जो बो गये
अन्नदाता अन्न को तरसे
मरते कर्ज और भूख से

अथः शीर्षक कथा...
आज ही की तारीख 2014 में
उलूक टाईम्स.... डॉ. सुशील जोशी

उसे भी 
कहाँ है 
फुरसत 
अपने गम 
और खुशी 
जमाने को 
दिखाने के लिये 

आज इतना है....
यशोदा ..









11 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात ,
    ताजगी भरा अत्यन्त सुन्दर संकलन ,मेरी रचना को संकलन संकलन में शामिल कर मान देने के लिए हृदयतल से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सस्नेहाशीष व शुभकामनाओं के संग शुभ दिवस छोटी बहना
    सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभातम् दी,
    बेहद सुंदर रचनाओं का शानदार संयोजन है दी आज के
    इस अंक में। मेरी रचना को.स्थान.देने के लिए सादर आभार दी।

    जवाब देंहटाएं
  4. शानदार रचनाएं |मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर हलचल। आभार यशोदा जी 'उलूक' के चार साल पुराने टुकड़े पर नजरे इनायत के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण संकलन सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आपका आभार!!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति, शानदार रचनाओं का संकलन सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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