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सोमवार, 10 सितंबर 2018

1151...हम-क़दम का पैंतीसवा क़दम मितवा

सबसे पहले ये गीत सुनिए
सुन मितवा..मितवा
तुझको क्या डर है रे


है विकल हृदय की चाह मेरी
तुम देख लो दृष्टि भर मुझको
भ्रम हो तो फिर हो क्यूँ धुक-धुक?
बींधे दृग वृष्टि कर मुझको
तुम देह नहीं सुरभित मन हो
जग बंधन को जो माने न
मृग मन का चंचल समझे न 
तू समुझा जा मितवा मेरे
-श्वेता सिन्हा
मितवा यानि वह साथी, सखा,मित्र,बंधु और प्रियतम की 
तरह हमारा संबल बने।
हमक़दम के विषय पर हमारे रचनाकारों ने सदैव की भाँति 
बेहद उम्दा रचनाएँ लिखीं है।

 आइये आप भी  इन रचनाओं का आस्वादन करिए।
आदरणीय आमित निश्छल की प्रयोगात्मक रचना

राधा रानी...
फिर बोलो मितवा मेरे, क्या बात हुई कह, ना

नींद-नींद में बैर हुई, या गैर हुई रैना



कान्हा.....

बंसी बजी नींद की गहरी, सोये थे नैना

सपनों में हम दोनों ही जागे सारी रैना


★★★★★

आदरणीया मीना शर्मा जी की हृदयस्पर्शी कृति

मितवा मेरे, मनमीत बने
तुम मनवीणा के गीत बने
निर्जन में कोकिल कूजन सा
वीराने का संगीत बने !
पदचाप तुम्हारी सुनती हूँ,
अब भी मेरे उर आँगन में !!!
क्यों बाँधा ऐसे बंधन में ?  
★★★★★
आदरणीया अनुराधा चौहान जी की अभिव्यक्ति

नहीं आओगे तो
तुम खत लिख दो
इंतजार खत्म हो
बस अब तो
जिंदगी तुम बिन
वीरान है मितवा
कब आओगे तुम
खत लिख दो मितवा
★★★★★
अनुराधा चौहान

मै तार बनूं
तुम मेरा जीवन
मै संगीत बनूं
तू मेरी मितवा
मै तेरा मीत बनूं
प्यार से जहां में तेरे

मै अपनी प्रीत भरूं
★★★★★
आदरणीय पंकज प्रियम जी की रचना
मितवा मुझे तो जाना होगा
दिल को तो समझाना होगा
वतन का साथ निभाने को
मुझे सरहद पे जाना होगा।
मितवा....।
★★★★★
आदरणीया अभिलाषा चौहान जी  
दो रचनाएँ

मैं थाम तुम्हारा हाथ
छोड़ कर सबका साथ
चली आई ओ मितवा
निभाना प्रीत की रीत
सदा बन मेरे मनमीत
मैं गाऊं प्रेम के गीत
★★★
ओ मितवा
चलो चलते हैं
जीते हैं कुछ पल
जिंदगी के
सुनते हैं मन की आवाज
छेड़ प्रेम का साज
मिले सपनों को परवाज
जी ले अपना आज
★★★

आदरणीया साधना जी की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

मितवा मेरे
प्रकृति से यही तो सीखा है मैंने
हर मौसम अपना पूरा जलवा दिखा
एक दिन उतार पर
अवश्यमेव आता ही है
और अंतत: परास्त हो कहीं
पार्श्व में विलीन हो जाता है
 अगले बरस एक बार फिर
उसी जोश खरोश के साथ
लौट कर आने के लिए !

★★★★★
आदरणीया नीतू ठाकुर जी की सुंदर रचना

हे मितवा मनमीत मेरे 
हर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगी 
शब्दों में जो बंध ना पाये 
ऐसे कुछ अरमान लिखूंगी 
प्रीत के पथ के हम दो राही 
तेरा नेह बनाकर स्याही 
अपने अनुरागी जीवन में 
तुझको अपनी जान लिखूंगी 

★★★★★
आदरणीया आशा आशा सक्सेना जी की लेखनी से
मैं धरती
तुम आकाश
कैसे हो दूरी पार
कैसे मिलन हो पाए |
हम दौनों नदिया के किनारे
चलते हैं साथ साथ
पर कभी मिल नहीं पाते
★★★★
आदरणीया पूजा पूजा जी की सुंदर रचना
पथरीले रास्ते खुशबुओं से भर गए
रीते नैनों के दामन सपनों से संवर गए
होठों पर मुस्कुराहटें खिलखिलाने लगीं
हँसी भी अब थोड़ा चुलबुलाने लगी
ना जाने कब तुम जहाँ हो गए
जिस पल तुम मीत से मितवा हुए
हम खुद ही खुद से अगवा हो गए
★★★★★
आदरणीया कुसुम जी की रचना
मितवा

ना जाने कब आये मोरे मितवा
ना खबरिया , संदेशा ना खतवा

भरी भरी बहे नदिया बहु जोर
हियरा हमार कांपे चले न जोर
★★★★★
और चलते-चलते पढ़िये
आदरणीया रेणु जी की बेहद भावपूर्ण रचना


अनुराग के बंधन में सिमटी मैं 
यूँ ही पल पल जीना  चाहूं 

सपनों की डगर पे साथी 

संग तुम्हारे चलना चाहूं 

 तुम्हारे प्यार  से हुए है जगमग -

ये नैनों के दीप मेरे  !!

 नाम तुम्हारे हर  शब्द  मेरा

 तुम्हे समर्पित सब गीत मेरे !!!!!!!!!

★★★
रेणु जी की पसंद का बेहद सुंदर गीत सुनिये
सुन मेरे बन्धु रे !सुन मेरे मितवा !
  सुन मेरे साथी रे  !!!!!
  होता तू पीपल- मैं होती अमरलता तेरी  -
  तेरे गले माला बनके  पडी मुस्काती रे !!
  सुन मेरे साथी रे !!!!!
जिया कहे तू सागर मैं  होती तेरी नदिया
लहर बहर  करती-  अपने पिया से मिल जाती रे

★★★★★
आपके द्वारा सृजित यह अंक आपको कैसा लगा कृपया 
अपनी बहूमूल्य प्रतिक्रिया के द्वारा अवगत करवाये
 आपके बहुमूल्य सहयोग से हमक़दम का यह सफ़र जारी है
आप सभी का हार्दिक आभार।


अगला विषय जानने के लिए कल का अंक पढ़ना न भूले।
अगले सोमवार को फिर उपस्थित रहूँगी आपकी रचनाओं के साथ


16 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात सखी
    मितवा शब्द पर लिखना टेढ़ी खीर है
    हाँ....
    सभी भाषाओं में
    गीत और फिल्मों का निर्माण जरूर हुआ है
    काश कोई एक भोजपुरी गीत प्रेषित करता
    आनन्द दुगुना हो जाता
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. मितवा बढ़ियाँ संकलन
    माहिया की करे प्रतीक्षा

    जवाब देंहटाएं
  3. तुम देह नहीं सुरभित मन हो
    जग बंधन को जो माने न

    हृदय को स्पर्श करने वाली रचनाएं, सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात बेहतरीन रचनाओं से सजी सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी रचना को सुंदर प्रस्तुति का हिस्सा बनाकर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए बहुत बहुत आभार श्वेता जी

    जवाब देंहटाएं
  5. मनभावन 'मितवा' पर मनभावन रचनाएं ! सभी चयनित रचनाकारों का हार्दिक अभिनन्दन ! बहुत सुन्दर हलचल आज की ! मेरी रचना की सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! सस्नेह वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन लाज़वाब 'मितवा'अतिसुन्दर रचनायें बहुत ही प्यारी रचनाओं से सुसज्जित आज की हलचल सभी रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह!!श्वेता ,बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति । सभी रचनाएँ लाजवाब!!

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रिय श्वेता, इस सुंदर अंक के लिए बहुत बहुत बधाई। सबसे पहले तो आप सभी चर्चाकारों का आभार जो नए नए विषय देकर हमारी लेखनी को नई ऊर्जा एवं नए सृजन का उत्साह देते रहते हैं। मेरी रचना को शामिल करने के लिए भी अत्यंत आभार !!!
    सभी रचनाकार इस विषय पर सुंदर रचनाएँ लाए हैं जिन्हें पढ़ना बेहद अच्छा अनुभव रहा। "मितवा" / "मित्र" या मन के मीत पर लिखना कोई आसान काम नहीं था । करूणा,उलाहना,प्रेम,विरह,व्यथा,व्याकुलता,पीड़ा और समर्पण के भाव इन रचनाओं में उभरकर सामने आए हैं बड़े ही प्रभावशाली ढ़ंग से। सब से बड़ी बात,सभी का विषय एक ही है और भाव अलग अलग। मौलिक सृजन भला और क्या होगा ? सारा श्रेय "मितवा" को....
    पुनः स्नेह एवं आभार। दोनों गीत भी सुंदर हैं। रेणु बहन द्वारा भेजा गया मर्मस्पर्शी गीत मेरी भी पसंद है।

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण लाजवाब लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  10. प्रिय श्वेता - आजकी मधुर ,सरस प्रस्तुति मन को आह्लादित कर गयी | हालाँकि सभी रचनाएँ पढ़कर भी उन सभी में से कुछ पर लिखना आज संभव ना पाया | मन मितवा पर रचनाएँ मन के अक्षुण भावों से भरी है
    जीवन में किसी का होना बहुत मत्वपूर्ण विषय है | सभी रचनाकारों ने सृजन के मोती गढ़े हैं सभी को हार्दिक बधाई | मेरी रचना को विलम्ब के बावजूद लिया गया ये आपकी सहृदयता है | मैं संकोच की वजह से भेज नहीं पायी थी ,क्योकि नियत समय व्यतीत हो चुका था | और रचनाकारों ने अपनी पसंद के गीत नहीं भेजे देखकर मायूसी हुई | मेरा आग्रह है आगे ऐसा बिलकुल मत करें | रचना लेखन का क्रम तो चलता रहता है पर अपनी पसंद सबसे बाँटने का मौक़ा बार बार नहीं आता |आपको इस भावपूर्ण संकलन और आपकी सुंदर रचना के साथ - मधुर गीत के लिए हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  11. प्रिय सखी श्वेता बेहतरीन प्रस्तुति श्रेष्ठ रचनाओं का सुंदर गुलदस्ता ।सभी चयनित रचनाकारों को बधाई मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए आपका धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं

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