प्यार सबसे सरल
इबादत है—
न किसी शब्द की ज़रूरत
न किसी ज़बान की मोहताजीन
न किसी वक़्त की पाबंदी
और न ही कोई मजबूरी
किसी को सिर झुकाने की...
यह इबादत अपने आप
हर वक़्त होती भी रहती है
और—जहाँ पहुँचना है
वहाँ पहुँचती भी रहती है...
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
प्यार सबसे सरल
इबादत है—
न किसी शब्द की ज़रूरत
न किसी ज़बान की मोहताजीन
न किसी वक़्त की पाबंदी
और न ही कोई मजबूरी
किसी को सिर झुकाने की...
यह इबादत अपने आप
हर वक़्त होती भी रहती है
और—जहाँ पहुँचना है
वहाँ पहुँचती भी रहती है...
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शानदार अंक
जवाब देंहटाएंआपके द्वारा चयनित रचनाएं
उत्तरोत्तर प्रगति की ओर है
आभार,
सादर...
वाह! श्वेता ,शानदार प्रस्तुतीकरण।
जवाब देंहटाएंआभार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंअनमोल संकलन ।
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएं