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सोमवार, 25 दिसंबर 2023

3985 ..इतिहास की हुई खूब पिटाई संविधान ने जाकर लाज बचाई

 सादर अभिवादन

आज 25 दिसंबर
भारत रत्न प्रातः स्मरणीय माननीय अटल जी का जन्म दिन
वे ख्याति प्राप्त कवि भी थे


एक रचना पढ़िए...

दूध में दरार पड़ गई।

ख़ून क्यों सफेद हो गया?
भेद में अभेद हो गया।
बँट गये शहीद, गीत कट गए;
कलेजे में कटार गड़ गई।

दूध में दरार पड़ गई।
खेतों में बारूदी गंध,
टूट गए नानक के छन्द
सतलुज सहम उठी,
व्यथित सी बितस्ता है;
वसंत से बहार झड़ गई।

दूध में दरार पड़ गई।
अपनी ही छाया से बैर,
गले लगने लगे हैं ग़ैर,
ख़ुदकुशी का रास्ता,
तुम्हें वतन का वास्ता;
बात बनाएँ, बिगड़ गई।

दूध में दरार पड़ गई।

रचनाएं देखिए ...



पत्तियां  पीली , हवा नम
जंगल को  है  कोई  गम
धूल , कंकड़ , सूखे  पत्ते
पंचायत  में  गिरते  बम
मन  खाली  देते  गाली
जंगल  के  है  गुंडे  हम

गीला  बिस्तर  फटी  चटाई
पैसे  की  सर्दी  ने  आग  जलाई
कंबल  ओढ़े   लोकतंत्र  आया
जातिवाद - धर्म  ने  उत्पात  मचाया
इतिहास  की  हुई   खूब  पिटाई
संविधान  ने  जाकर  लाज बचाई।।





प्रिय दिसंबर,
तुम्हें देखकर बहुत अफ़सोस होता है। हर किसी की तमन्ना होती है कि तुम चले जाओ। जबकि ठंड इसी महीने परवान चढ़ती है। जबकि क्रिसमस इसी महीने आता है। जबकि स्कूली बच्चे एक हफ्ते ठंड में सुबह उठने और स्कूल जाने से बच जाते हैं।




वो शोर, वो कोलाहल,
गुजरते उन कारवों का, हलाहल,
पल, वो सारे चंचल,
चल पड़े किधर!

विदा हो चले वो साए,
वो पल, वो दूर तलक जाती राहें,
वो विपरीत दिशाएं,
हो चले दरबदर!




तुझे कागज़ तो दिखाना होगा ।
जो यहीं के हो तो यहीं रहो
गर लांघ कर सरहद आए हो
तो बिस्तर बांध के जाना होगा
तुझे कागज़ तो दिखाना होगा ।

जो हम वतन हो तो दिल में बिठाएंगे
साथ बैठकर गुनगुनी धूप में सेवईयां खाएंगे
रात के अंधेरों में छुपकर आने वाला
बता वापिस कब रवाना होगा
तुझे कागज़ तो दिखाना होगा ।




और मैं … हर आने वाले पल के साथ
तुम्हें भूलने की कोशिश में
अपने आप को मिटाने में जुट गया
चिन्दी-चिन्दी लम्हों को नौचने की कोशिश में
लहूलुहान होने लगा ...




सब कहते हैं
इन पंछियों से सीखो कुछ ..
कैसे कुछ दिन बाद  ही ,
जब जान जाते हैं
कि हो गए  सक्षम
दे देते हैं नन्हें बच्चों को
खुला आसमान ..


 
           
आज बस
कल  सखी श्वेता से मिलिएगा
सादर

3 टिप्‍पणियां:

  1. वाह! सुन्दर प्रस्तुति । मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. भावभीनी हलचल … आभार मुझे शामिल करने के लिए

    जवाब देंहटाएं

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