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रविवार, 24 दिसंबर 2023

3984 .."एक कटिंग चाय मुझे भी"

 सादर अभिवादन

आज 24दिसंबर ्
कल 25 दिसंबर
भारतरत्न प्रातः स्मरणीय
माननीय अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म दिन
ढेरों शुभकामनाएं

रचनाएं देखिए ...



नाड़े-सी लटकती सड़कें,
बदहवास दौड़ती गाड़ियाँ,
अकेले टिमटिमाते बल्ब.




एक दिन आश्रम में बैठे कुछ बुजुर्ग आपस में बात कर रहे थे। उनमें दो-तीन महिलायें भी थीं। उनमें से एक ने कहा, "डॉक्टर का कोई सगा-सम्बन्धी नहीं था जो अपनी माँ को यहाँ छोड़ गया।" तो वहाँ बैठी एक महिला बोली, "प्रभा देवी के पति की मौत जवानी में ही हो गयी थी। तब सुदीप चार साल का था। पति की मौत के बाद प्रभा देवी और उसके बेटे को रहने और खाने के लाले पड़ गये। तब किसी भी रिश्तेदार ने उनकी मदद नहीं की। प्रभा देवी ने लोगों के कपड़े सिल-सिल कर अपने बेटे को पढ़ाया। बेटा भी पढ़ने में बहुत तेज था, तभी तो वो डॉक्टर बन सका।"




"एक कटिंग चाय मुझे भी", किसी की आवाज मेरे कानों में पड़ी 
तो लगा जैसे दुनिया ही रुक गयी है।
मैंने मुड़कर देखा तो वही थी। साक्षात मेरे सामने खड़ी मुस्करा रही थी।
"त...तुम इधर", मैं हकलाते हुए सा बोला।
"ह...हाँ मैं इ...इधर", वो मेरी नकल करते हुए बोली।
"तुम तो जाने वाली थी। इस्तीफा भी तुमने डाल दिया है।"
"हम्म... था तो सही ऐसा कुछ पर अब मैंने फैसला बदल दिया है।"




भीतर एक आँख जगती है
कोई साथ चला करता है,
देख न पाये चाहे उसको
योग-क्षेम धारण करता है !

आराध्य बना लेगा अंतर
मस्तक जिस दिन झुक जाएगा,
गीत समर्पण के फूटेंगे  
प्राणों में बसंत छायेगा !




सत्य कर्म के राह पर हो
हमारा हर एक काम।।

अनुशासित जीवन रहे
मिले गुरुजनों का आशीर्वाद।।




जब कभी यूं चल पड़ा
मैं ज़मीन पे चलूं
आसमां में फ़िर उडूं
उलझ के तेरी बातों में
जालसाज नातों में
जाने क्यों कैसे दिल ये पड़ा...


           
आज बस
कल फिर मिलूंगी
सादर

2 टिप्‍पणियां:

  1. लिंकों की मोतियों को पिरो कर बनाई गई सुंदर माला और एक मोती मेरा भी शामिल करने के लिए हार्दिक आभार।

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