।।प्रातः वंदन।।
"कुहरे की झीनी चादर में
आगाज़ गुलाबी ठंड का,ओंस से नहाई धानी अंज,कंज लिए महिना दिसंबर हो चला,
हाथों में अदरक की सोंधी खुशबू से भरी एक कप चाय लिए महिना दिसंबर हो चला ,
आगम शास्त्र की विषय वस्तु यही है कि पत्थर को ईश्वर कैसे बनाया जाये, इसका आध्यात्मिकता से क्या है संबंध
आगम शास्त्र हमें मन्दिरों की संरचना से लेकर योजना, वास्तुकला
तथा पूजा की विधि के बारे में सब कुछ बताते हैं । मंदिर बनाने
के इस प्राचीन भारतीय विज्ञान के बारे में आज हम आपको
बताते हैं, एक ऐसा विज्ञान जिसके जरिये आप पत्थर
जैसी स्थूल वस्तु को एक सूक्ष्म ऊर्जा में रूपांतरित कर सकते हैं।
.आगम शास्त्र की विषय ..
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मन मयूर नृत्य करता हो कर तन्मय
कोई खुशी मन में ना रहे शेष
यही दुआ करता प्रभु से
खुद नाचता झूम झूम प्रकृति में |
तब कोई उदास दिखाई ना देता
।। इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
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कोई खुशी मन में ना रहे शेष
जवाब देंहटाएंयही दुआ करता प्रभु से
शानदार अंक
आभार
सादर
सुंदर प्रस्तुति
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