शीर्षक पंक्ति: आदरणीया डॉ.जेन्नी शबनम जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में पाँच रचनाओं के साथ हाज़िर हूँ। आइए पढ़ते
हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
3.
भर के रखो
ख़ुशियों का गुल्लक
भले ही टूटे।
4.
भरा गुल्लक
ख़ुशियों का रुपया
मेरा ख़ज़ाना।
किस ने किस को दर किनार किया अब सोचने से फ़ायदा
कुछ नहीं,
शीशा ए ख़्वाब टूटते ही, हद ए नज़र वो
गुज़िश्ता कल याद आया,
क्योंकि उनके संघर्ष
उनकी महत्वाकांक्षाओं से
कहीं अधिक बड़े होते हैं
जिनकी पूर्णता की जद्दोजहद में
वो उठते हैं- गिरते हैं
गिरते हैं-उठते हैं
साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 की घोषणा, 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों को अवार्ड
साहित्य अकादमी पुरस्कार साहित्य और भाषा के
क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है. इससे भारत की समृद्ध और विविध
साहित्यिक विरासत को बढ़ावा और संरक्षण मिलता है. साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता
को एक लाख रुपये राशि का नकद पुरस्कार दिया जाता है.
वास्तु और तकनीकी की अद्भुत मिसाल, सोमेश्वर छाया मंदिर
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फिर मिलेंगे।
रवीन्द्र सिंह यादव
सुंदर अंक संयोजन
जवाब देंहटाएंसारी स्तरीय रचनाओं को
एक मंडप के नीचे प्रस्तुति का संगम
आगे से यशपथ से रचनाएं नहीं लाएं
भाई यशवंत माथुर ने आपत्ति दर्ज की है
आभार..
सादर...
वाह! अनुज रविन्द्र जी ,शानदार प्रस्तुतीकरण।
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