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शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023
3975....वृक्ष सिखाता जीवन दर्शन
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6 टिप्पणियां:
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जीवन का दर्शन
जवाब देंहटाएंजल है तो कल भी होगा
शानदार अंक
सादर
वाह! श्वेता ,खूबसूरत भूमिका । सुंदर प्रस्तुतीकरण।
जवाब देंहटाएंप्रतिपल हो रहे परिवर्तन को महसूस कर, स्वीकार करना ही निराशा और हताशा के भँवर से बाहर खींचकर
जवाब देंहटाएंजीवन को सुख और संतोष से भर सकता है।
बहुत ही सारगर्भित भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति सभी लिंक बेहद उम्दा एवं पठनीय ।
"प्रतिपल हो रहे परिवर्तन को महसूस कर, स्वीकार करना ही निराशा और हताशा के भँवर से बाहर खींचकर
जवाब देंहटाएंजीवन को सुख और संतोष से भर सकता है।"
सत्य वचन,बहुत ही सुंदर भूमिका के साथ बेहतरीन प्रस्तुति,मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार श्वेता जी
बहुत ही बढियां प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका! इस मंच से जुड़कर सदैव ही प्रसन्नता होती है.
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