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रविवार, 3 दिसंबर 2023

3963...किसी किसी की धड़कनों में उतार-चढ़ाव हो सकता है

 सादर अभिवादन

तीन दिसंबर
किसी किसी की धड़कनों में
उतार-चढ़ाव हो सकता है
अब रचनाएं देखिए




कुछ तो मन के दराज़ के भीतर
कुछ तो आत्मा से जुड़े होते हैं

वहां पडे़ होते है शहरों के पत्ते
नामों के साथ लगे सर्वनाम भी




धड़कता है हदय धरा का
किसी की आहट पर
प्रतीक्षा और धैर्य की
टकराहट पर .
हिलोरें उठतीं हैं
टकराती है पलकों के किनारों से




सच कह रहे हो !
प्रेम और अपार ,
उतर पाते हो क्या इस प्रेम में
स्वार्थ के उस पार,
उस वक़्त जब दूर कहीं
अकेले देख रहे होते हो
समुंदर की लहरें






शेयर इन कैफे का नाम तो शेयर से ही पड़ा हो शायद । पर छोटे शहर के कैफे की क्षमता किसी लड़की को सोफे पर लड़कों की तरह सुट्टा मारते देखने की अभी नई पनपी थी ।

व्हेयर आर यू फ्रॉम ? लड़की ने सामने बैठे लड़के से पूछा ।

लड़के ने जवाब दिया । हेयर ओनली ।





गहन मंथन करें और विचार करें कि हम इतनी नीची पायदान पर कैसे पहुंचे और बेहतर करने के लिए क्या करना चाहिए...। यहां हमें फिनलैंड को पढ़ना चाहिए, उस सूची में टॉप टेन देशों को समझना चाहिए क्योंकि वह इस दिशा में कार्य करने में पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं, खुशी चाहते हैं तो प्रकृति को केंद्र बनाकर सोचना आरंभ कीजिए...क्योंकि खुशी चाहिए तो प्रकृति के हो जाईये।






आख़िर आज कामवाली आयी, घर की सफ़ाई भली प्रकार से हुई।दोपहर को मुख्य घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उसने जाते हुए वर्ष का लेखा-जोखा लिखा। योग वशिष्ठ का अध्ययन पुन: आरम्भ किया है। यह दुनिया एक स्वप्न ज़्यादा  कुछ नहीं है, ऐसा ही तो होना भी चाहिए। यह एक खेल है, एक लीला है, आनंद का प्रस्फुरण है, तरंगों का उठना-गिरना है


आज बस
सादर

3 टिप्‍पणियां:

  1. आभार आपका बहुत सुन्दर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात ! आज तीन दिसंबर है, दिव्यांग जनों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस ! वैसे इसे सभी को मनाना चाहिए। सराहनीय रचनाओं से सजे सुंदर अंक के लिए बधाई यशोदा जी, आभार!

    जवाब देंहटाएं

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