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गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

3988...कहो कैसे गुजरे दिन अश्कों के समंदर में...

शीर्षक पंक्ति:आदरणीया उर्मिला सिंह जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

2023 बस कगार पर आ चुका है लेकिन याद आता रहेगा कई उपलब्धियों के लिए। 

गुरुवारीय अंक में पढ़िए आज की पसंदीदा रचनाएँ-

रात की उतराई--

सुबह हम

तलाशते हैं ज़िन्दगी को रहस्यमयी

कहानियों में, जराजीर्ण देह के

साथ उतरती है रात, घाट

की सीढ़ियों से सधे

पांव, स्थिर नदी

की गहराइयों में।

 कुछ मन के भाव....

जख्म ने  हंस कर जख्म से पूछा.....

कहो कैसे गुजरे दिन अश्कों के समंदर में...।

 शायरी | चाहतों का समुन्दर | डॉ (सुश्री) शरद सिंह


यादों की पोटली से....

बस कुछ फूल हैं इबादत के

नम दुआओं में पिरोये

जो हर दिन चढ़ाना नहीं भूलती

स्मृतियों के उस ताजमहल में।

 मन कहाँ ख़ाली हुआ है

ढेर बोझा है दिलों पर

अनगिनत शिकवे छिपे,

मन कहाँ ख़ाली हुआ है

तीर कितने हैं बिंधे !

 लाइलाज मर्ज़-लघुकथा

अब डॉक्टर के निशाने पर सचिन थे!

क्या आप स्मोक करते हैं?”

सचिन से पहले ही नीना बोल पड़ी!

हाँ डॉक्टर साहेब सचिन चेन स्मोकर हैं! दिन में दो डिब्बी सिगरेट तो ये पी ही लेते हैं ! लेकिन आपने कैसे जाना?”

मेरठ-बैंगलोर-मेरठ कार यात्रा: 7. झालरा पाटन

झालावाड़ की स्थापना 1791 में झाला ज़ालिम सिंह ने की थी जो कोटा रियासत के दीवान थे. उस वक़्त ये जगह छावनी उम्मेदपुरा कहलाती थी. 1838 में झालावाड़ को कोटा से अलग कर दिया गया. उसके बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी झालावाड़ से सालाना आठ हज़ार रूपए की चौथ या ट्रिब्यूट की वसूली करती थी! इस छोटी सी रियासत में झाला मदन सिंह, झाला पृथ्वी सिंह और राणा भवानी सिंह ने राज किया।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 

7 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार अंक
    उत्तर के जाड़ै में
    कम्बल ओढ़कर
    संकलित रचनाओं की
    उष्मा महसूस करवाती है
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर अंक, हमारी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।


    जवाब देंहटाएं
  3. वाह! अनुज, शानदार प्रस्तुतीकरण।

    जवाब देंहटाएं
  4. यात्रा वृतांत 'झालरा पाटन' को शामिल करने के लिए धन्यवाद। सभी को आने वाले नए साल की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात ! पठनीय रचनाओं से सजा एक और सुंदर अंक, आभार रवींद्र जी !

    जवाब देंहटाएं
  6. दिलचस्प अंक. नमस्ते रवीन्द्रजी.

    जवाब देंहटाएं

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