सादर अभिवादन
साथ ही दूँगी एक प्रसस्ति पत्र का नमूना
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वाह सभी रचनायें एक से बढ़कर एक हैं यशोदा जी...शानदार
जवाब देंहटाएंवाह सभी रचनायें एक से बढ़कर एक हैं यशोदा जी...बहुत दिनों बाद पढ़ पाई ...मगर जब सभी रचनाओं को पढ़ लिया तो बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरिश्वत अकेले नहीं आती
जवाब देंहटाएंदेने वाले की बद्दुआ
मजबूरियां, दुख,
वेदना, क्रोध, तनाव,
चिंता भी उन नोटों में
लिपटी रहती है ...
बिल्कुल सही कहा पर रिश्वतखोर को इन सबकी परवाह कहाँ ...
लाजवाब प्रस्तुति उत्कृष्ट लिंकों से सजी...
मेरी रचना को भी स्थान देने हेतु हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार सखी !
एक बार पुनः पहले की तरह दिये गए शब्द पर चिंतनपूर्ण सृजन पढ़ने को मिलेंगे और साथ ही उम्मीद है कि रचनाकारों की सोई लेखनी पुनः जागृत हो ।
अनंत शुभकामनाएं🙏🙏🙏
शुभ रात्रि, दिन भर कुछ व्यस्तता बनी रही, पर 'देर आयद दुरस्त आयद ' पर अमल करते हुए पाँच लिंक्स पर दस्तक दी है, सार्थक भूमिका और उत्तम रचनाएँ, बधाई और आभार यशोदा जी !
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति।
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