शीर्षक पंक्ति: आदरणीय ओंकार जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
शनिवारीय अंक में प्रस्तुत हैं पाँच रचनाओं के चुनिंदा
लिंक-
राष्ट्रप्रेम की उत्कट इच्छा,
अग्नि पथ पर प्रबल परीक्षा।
कोई विपदा आ जाये तो
रण नाद का वारिद स्वर दे।
माता हमको वर दे।
मुझे नहीं दिखती किसी की भूख बेरोजगारी या शापित जीवन नहीं दिखता किसी स्त्री पर अत्याचार बलात्कार नहीं दिखता बाल शोषण नहीं दिखता गरीबी एक अभिशाप का बोल्ड अक्षरों में लिखा अदृश्य बोर्ड नहीं होते व्यथित अब प्रियतम मेरे
प्रियतम मेरे
प्रियतम मेरे
दर्देदिल ने कुछ
ऐसा किया
हो गया मै
तुम्हारा उम्र भर के लिए
शानदार अंक
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई सादर
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंपुण्य पर्व की सभी को शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक. आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविन्द्र जी, नमस्ते 🙏❗बहुत अच्छी रचनायें इस अंक में चयनित हुई हैं. एक अच्छे अंक के लिए साधुवाद 🙏❗--ब्रजेन्द्र नाथ
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