गुरूवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन।
-------
दुनिया के बाज़ार में इंसान खिलौना है।
मज़हब सबसे ऊपर इंसानियत बौना है।।
बिकता है ईमान चंद कागज़ के टुकड़ों में,
दौर मतलबों का, हृदयहीनता बिछौना है।
धर्म ही धर्म दिखता है चौराहों पर आजकल,
रब के बंदे के लिए अफ़सोस नहीं कोना है।
जन्म से हे! सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ कृति कहो,
कर्म का तुम्हारे रुप क्यों घिनौना है?#श्वेता
आइये अब आज की रचनाएँ पढ़ते हैं-
कौड़ी कौड़ी जोड़-जोड़कर
जिनके ख्वाबों का आगाज़ किया है
उसकी फटी एड़ियों का दर्द
उन सबने नजरअंदाज किया है
उसके फटे-पुराने कपड़े
उसकी मजबूरी दर्शाते हैं
जिसने बांँटा कौर भी खुद का
लो अब उसी के लिए तरसाते हैं
धूप -छाँह के
किस्से सुनती
और सुनाती है,
जीवन के
रंगों से यह
खुलकर बतियाती है,
यह बस्ती है
वंशी- मादल के
फ़नकारों की.
कौतुक-कला
लिए चलती
यह मुश्किल राहों में,
सुख दुःख
साध के रखती
अपनी लम्बी बाहों में,
यह साक्षी है
बाल्मीकि के
नव उदगारों की.
तुम्हारे अलावा कोई और
पढ़ नहीं पाएगा इसे,
तुम भी नहीं पढ़ पाई,
तो मर जाएगी यह कविता.
आओ, मेरी आँखों में देखो,
पढ़ने की कोशिश करो,
अगर तुमने उतना भी पढ़ लिया,
जितना मैंने तुममें पढ़ा है,
तो तुम आसानी से समझ लोगी
यह बिना शब्दोंवाली कविता.
जीत निश्चित है हमारी
तन तो नश्वर है सभी का,जो कभी चिर ना रहेगा।
प्राण से होगा मिलन तो,अनंत तक ये संग चलेगा।
गंध को महसूस कर लो,पुष्प से किसका क्या लेना।
जो रमा कण-कण में है,उसको क्या पहचान देना।
आत्म चिंतन कर लिया तो,
हो सकेगा कोई छल ना।
हाल कैसा भी...........|
और चलते-चलते
छोटी देवी
चित्रांगदा ने लपक कर बच्ची को गोद में उठा लिया और हंस कर बोली " अरे पंडित जी देखिए तो ये वही साक्षात देवी मैया तो हैं, जिनके आप कंजकों में पाँव पूजते हैं। ठाकुर जी से पहले भोली मैया ने भोग लगा लिया तो क्या हो गया! कुछ नहीं होता, बच्चा है !”
आज के लिए इतना ही
कल का विशेष अंक लेकर आ रहे हैं
रवींद्र जी।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर
जवाब देंहटाएंआज के इस बेहतरीन अंक में मेरी रचना "कल तेरी भी बारी है" को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार 🙏 बांकी सभी रचनायें हृदयस्पर्शी हैं सभी रचनाकारों को बहुत-बहुत बधाई 🙏
जवाब देंहटाएंकिसने कहा
जवाब देंहटाएंकल से
हम नहीं आएंगे
मौत से पहले
हम तो जाने से रहे
ज़िंदा रहेंगे
हम सदा
आज भी ...और
मौत के बाद भी
.....
सुंरम्य प्रस्तुति
आभार
आपका हार्दिक आभार. सादर अभिवादन
हटाएंबेहतरीन संकलन. मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक आभार श्वेता जी. बहुत ही अच्छे लिंक्स. आपका दिन शुभ हो.
जवाब देंहटाएं