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शुक्रवार, 13 अक्तूबर 2023

3909...सूने पथ हैं सूनी गलियाँ नहीं हवाओं में सनसन...

शीर्षक पंक्ति: आदरणीया कुसुम कोठारी जी की रचना से। 

सादर अभिवादन।

शब्द का अर्थवान होना साहित्य की सफलता है, 

शब्द का अर्थ खोते जाना किसकी ख़ता है?

-रवीन्द्र  

करोना-काल बीतने के बाद ब्लॉग जगत में आई जड़ता वर्तमान साहित्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है। नए ब्लॉगर सृजनात्मक लेखन से जुड़ नहीं रहे हैं यह और भी चिंतनीय मुद्दा है। सुधी पाठकों से अनुरोध है कि इस विषय में हमारा मार्गदर्शन करें।   

शुक्रवारीय अंक में आइए पढ़ें आज की पसंदीदा रचनाएँ-

श्याम का प्रस्थान

रवि का जैसे तेज मंद हो

ठंडी निश्वासें छोड़े

निज प्रकृति भूलकर मधुकर

कलियों से ही मुख मोड़े

सूने पथ हैं सूनी गलियाँ

नहीं हवाओं में सनसन।।

 नवरात्रि का करें स्वागत

नृत्य, संगीत और कलाओं का सृजन करें

मिलकर भजन और एकांत में मनन करें

आत्मशक्ति को जगायें हम, माँ बताना चाहे

उसकी शक्ति है सदा साथ, यह जताना चाहे!

पुरानी हवेली (कहानी)

अचानक गुड़िया की आँखें झपकीं और वह मुस्कुरा दी। मान्या हांफने लगी और उसके हाथ से टॉर्च नीचे गिर गई। गुड़िया उठ बैठी और उसने मान्या की कलाई पकड़ कर वह मधुर स्वर में कहा- "हैलो, मेरा नाम टीना है। मैं कब से तुम्हारा इन्तज़ार कर रही थी। तुम मेरी नई दोस्त हो, हो ना? तुम मुझे छोड़ कर कभी नहीं जाओगी ना?"

सहज भाषा में गूढ़ से गूढ़ बात कह जाने वाले शायर हैं निदा फ़ाज़ली, पढ़‍िये उनकी ग़ज़लें और दोहे

बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान

अल्लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान

घर को खोजें रात दिन घर से निकले पाँव

वो रस्ता ही खो गया जिस रस्ते था गाँव

मेरा दोष (लघुकथा)

उसने मन-ही-मन अपने सारे क्रिया-कलापों, कर्तव्यों, बोली-व्यवहारों पर गहनता से विचार किया। नहीं उसने अपनी बोली-व्यवहारों में कोई कमी नहीं रहने दी।

फिर वह उन क्षणों का अध्ययन करने लगी जिस क्षण में लोग उसपर नाराज होते हैं। प्रथम क्षण वह था जब लोग उसे सुंदर अथवा शालीन कह देते।

*****

फिर मिलेंगे। 

रवीन्द्र सिंह यादव  


8 टिप्‍पणियां:

  1. अद्भुत
    सर-असर ज़ानदार अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! आने वाले नवरात्र पर्व के लिए सभी पाठकों व रचनाकारों को शुभकामनाएँ, ब्लॉग जगत को अपनी राह पर जोश के साथ सदा चलते रहना चाहिए, वक्त कभी एक सा नहीं रहता

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी इस ब्लॉॉगपोस्ट को शाम‍िल करने के ल‍िए धन्यवाद रवींद्र जी

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई। ब्लॉगरों को अपना श्रेष्ठ लेखन करते रहना चाहिए।पर एक बात और है कि रचनाओं को पाठक नहीं मिलने पर हताशा भी जन्म लेती है।यहीं कारण है कि लोग ब्लॉग से ज्यादा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ज्यादा सक्रिय हैं।सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. ब्लॉग जगत के बारे में आप की चिंता बिल्कुल सही है यहां तक कि सभी ब्लॉगर असहजता महसूस करते हैं इस उदासीनता का कारण भी सभी ब्लॉगर ही हैं, कोई समय था ब्लाग पढ़ना गर्व का विषय था, आज ब्लाॅग सूने से रहते हैं।
    खैर आज का संकलन बहुत सुंदर सार्थक रहा भाई रविन्द्र जी के विचार सारगर्भित हैं, सभी रचनाएं पठनीय सुंदर है सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को पाँच लिकों पर रखने के लिए हृदय से आभार आपका।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  6. विलम्ब से उपस्थिति देने के लिए क्षमा चाहता हूँ। मेरी रचना के चयन के लिए आ. रवीन्द्र भाई का आभार! साथी रचनाकारों को भी स्नेहिल अभिवादन!

    जवाब देंहटाएं

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