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बुधवार, 11 अक्तूबर 2023

3907..माना अभी जद में न है ,

।। ऊषा स्वस्ति।।

कौन शासन से कहेगा, कौन समझेगा,

एक चिड़िया इन धमाकों से सिहरती है।

दुष्यंत कुमार

बदलते वैश्विक परिवेश,प्रश्नों के साथ मानवीय आतंकी संस्कारों और कट्टरता के चालो के बीच कुछ पल बिना विवाद के बस यहीं पर, नज़र डालें ...✍️


माना अभी #जद में थोड़ा न है ,

#घर अपना आज ,

फिर भी गर संभल गये ,

कहीं उठते #धुयें को #भांप

❄️

हथेलियों में झरता अक्टूबर


'मैं अपनी कहानियों का अंत बदलना चाहती हूँ।' लड़की ने अपनी पनीली आँखों से लड़के की आँखों में देखते हुए कहा।
लड़के का ध्यान ट्रेन के एनाउंसमेंट पर था। उसने लड़की की आँखों में देखे बिना...
❄️

अपनों का प्यार

यहाँ कुछ और नहीं 

जीवन ही साध्य है 

हर सुख टिका है जिस पर 

भौतिक, मानसिक, आत्मिक 

स्वास्थ्य ही प्राप्य है 

❄️


सब कुछ 'ख़ुफ़िया' है

. डिस्क्लेमर इसलिए टांग दिए कि कल को कोई ये ना कह दे कि, ‘अब तुम विशाल भारद्वाज को बताओगे कि फिल्में कैसे बनानी चाहिए!’ 😡


तो कुल मिलाकर किस्सा कुछ ऐसा है...


इक रहिन ईर


इक रहिन बीर


इक रहिन फत्ते

❄️

जॉन फॉस की कवितायेँ

साँसें रोक कर खड़ा पहाड़  

उसने ली गहरी साँस

और फिर वहीँ टिक गया पहाड़

और पहाड़ वहीँ टिका रहा सदियों तक
।। इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️

8 टिप्‍पणियां:

  1. शानदार अंक...
    कल विदाई पूर्व का अंक लेकर
    आएंगे भाई रवीन्द्र जी
    विसर्जन अंक सखी श्वेता लाएंगी
    शुक्रवार को
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शानदार अंक...
    कल विदाई पूर्व का अंक लेकर
    आएंगे भाई रवीन्द्र जी
    विसर्जन अंक सखी श्वेता लाएंगी
    शुक्रवार को
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुन्दर सार्थक प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात ! पठनीय रचनाओं से सजी सुंदर प्रस्तुति, पर यह किसकी विदाई और किसका विसर्जन हो रहा है

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय मेम ,
    मेरी रचना ब्लॉग "माना अभी #जद में थोड़ा न है " को इस बहुमूल्य मंच में साझा करने के लिये बहुत धन्यवाद एवम आभार ।
    सभी संकलित रचनाएँ बहुत उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत शुभकामनायें ।
    सादर ।

    जवाब देंहटाएं

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