निवेदन।


फ़ॉलोअर

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

1261... अंत ही आरंभ है


सभी को यथायोग्य
प्रणामाशीष
क्या-क्या बदल जायेगा
बदलते तिथि दिन माह के साथ
उलझे जीवन को सुलझाते
सब तो यही कहते वाह के साथ
अंत ही आरंभ है
article on life
मैं कभी पेंसिल को तो कभी पेन को घिस-घिस कर आगे बढता गया और
जब कुछ सालो मे 12 सीढीया चढकर शिखर पर पहुचा तो लगा के
अबतक जो रबर सिर्फ मेरे लिखे हुये को मिटा देता था ।
ठीक उसी प्रकार शायद अब मैं भी अपने हिसाब से अपनी किस्मत लिख सकूंगा ।
पर तभी कही से कई सारी आवाजो से बस एक ही सवाल मुझे हर पल पूछा गया ।
अंत ही आरंभ है

जिंदगी आईसक्रीम की तरह है,टेस्ट करो तो भी पिघलती है,
वेस्ट करो तो भी पिघलती है,इसलिए जिंदगी को
टेस्ट करना सीखो, वेस्ट तो हो ही रही है।

अंत ही आरंभ है
अंत ही आरंभ है के लिए इमेज परिणाम
आपको आपसे बेहतर कोई नही समझ सकता
इसलिए स्वयं पर विश्वास रखें ।
हमेशा सकारात्मक सोचें ।
 धैर्य रखें , हिम्मत न हारें , और न ही उम्मीद छोङें
यकीन मानिए आप पहले से बेहतर, मजबूत और समझदार बन जायेंगे ।
ज़िन्दगी के सही मायने क्या है ...यह सीख जायेंगे ..

ओ भगवान


हो सकता भक्तों के सीने पर चढकर
बन रहे पुल से नाराजगी हो तुम्हारी
लेकिन तुम्हारी कृपा के बोझ तले
मजदूर ही क्यों दबे
क्यों नहीं कंपनी के दफ्तर को ढहा दिया

विदाई की बेला
विदाई पर कविता के लिए इमेज परिणाम
तुम्हारी अद्यतन स्मृतियों को
और वादा करता हूँ कि
अब जब भी याद करूँगा तुम्हें
तो मेरे चेहरे पर भी मौजूद होगी
ठीक वैसी ही एक चिरन्तन मुसकान
जैसी छाई रहती थी हमेशा तुम्हारे चेहरे पर।

अंत ही आरंभ है के लिए इमेज परिणाम
फिर!-फिर मिलेंगे...
अब बारी है इक्कावनवें अंक की
विषय है
छुवन
उदाहरण
छुवन तुम्हारे शब्दों की 
उठती गिरती लहरें मेरे मन की 
ऋतुएँ हो पुलकित या उदास 

साक्षी बन खड़ा है मेरे आँगन का ये अमलतास
अंतिम तिथिः 29 दिसंबर 2018
प्रकाशन तिथिः 31 दिसंबर 2018
आज्ञा दें


15 टिप्‍पणियां:

  1. आखिर जब पडाव खत्म हुआ बस कुछ पल के बाद फिर से मै मॉ की गोद मे जब मे सिसकिया लेकर रो रहा था । मुझे लगा था के ये अंत है पर अंत ही आरंभ है ।
    इन सुंदर अर्थपूर्ण शब्दों के लिये प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाहहह दी....गज़ब सभी रचनाएँ अद्भुत है..बेहद उम्दा संकलन है।
    सादर आभार दी इतनी अर्थ पूर्ण और शानदार रचनाएँ पढ़वाने के लिए।
    हमेशा की तरह बहुत बहुत सुंदरन प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
  3. आदरणीय दीदी...
    सादर नमन..
    गज़ब..
    सदा की तरह बेहतरीन..
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  4. शुभ प्रभात
    बेहतरीन संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह बहुत ग़ज़ब की प्रस्तुति।
    अंत ही आरम्भ है
    वेस्ट करो तो भी पिघलती है,इसलिए जिंदगी को
    टेस्ट करना सीखो, वेस्ट तो हो ही रही है।

    सत्य वचन

    जवाब देंहटाएं
  6. अर्थ पूर्ण शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति..
    आभार।

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन संकलन बेहतरीन प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  8. सभी रचनाएँ प्रशंसा योग्य है...

    जवाब देंहटाएं
  9. "अंत ही आरम्भ है" बेहतरीन प्रस्तुति.... आभार

    जवाब देंहटाएं
  10. बेहतरीन लिंक्स एवं प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
  11. आदरणीया
    अर्थपूर्ण विषय
    सुन्दर संकलन।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  12. अनछुए एहसास सा सुंदर एहसास बहुत सुंदर गुलदस्ता रंग बिरंगे फूलों का।
    हर बार की तरह गहन खोज इतनी प्यारी रचनाऐं ।
    सभी रचनाकारों को बधाई ।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...