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रविवार, 2 दिसंबर 2018

1234...सही सही है, या गलत सही है, पिताजी भी ना जाने किसको सिखा गये

सादर अभिवादन....
मुलाहिज़ा फ़रमाएँ अंक क्रमांक
एक दो तीन चार....
इस अंक में कुछ खास नही होते हुए भी
कुछ तो खास है......
अभी हालिया आदरणीया कविता दीदी का विवाह वर्षगाँठ
सम्पन्न हुआ है...शुभकामनाएँ

चल पड़ी है गाड़ी आजकल उनके प्यार की....कविता रावत

रोम-रोम पुलकित हो उठते
जब भी बजती घंटी
झनक उठते दिलतार
डूबे मन प्यार में सोच-सोच कर
आतुर धड़कने बढ़ती बार-बार
यूं कब दिन बीत जाता एक दूजे में
लगता हैं आई घड़ी बहार की
सुना है कन्हैया बना चितचोर
रहती उन्हें हर घड़ी अब
उनके इन्तजार की

अन्नदाता.....अनीता सैनी

गुरुर धधक रहा छाती में ,
पगड़ी स्वाभिमान की पहन 
अंगारों पर चलता हूँ  !!

आगोश में मोहब्बत , 
आँचल में उम्मीद समेटे
निश्चिल नित्य आगमन करता हूँ,!!


थोड़ा-सा रुमानी हो लें....श्वेता सिन्हा
दर्द को तवज्ज़ो कितना दें
दामन रो-रो कर भीगो लें
चुभते लम्हों को दफ़न करके
बनावटी चेहरों पे कफ़न धरके
वफ़ा की बाहों में सुकूं से सो लें
थोड़ा-सा रुमानी हो लें 

मेरा भारत
अनेक भाषाभाषी
रहते यहां।

पालते धर्म
बिना भेदभाव के
करते कर्म।

हवा सबकी
आसमान सबका
जमीं सबकी।

रूहानी मोहब्बत-माँ....शकुंतला
रूहानी मोहब्बत की दास्तां हैं माँ
हर इंसान की पहली मोहब्बत हैं माँ
धरा पर ईश्वर का प्रतिरूप हैं माँ
पूरे विश्व का एक ब्रह्माण्ड हैं माँ
आँखो से छलकता हुआ सागर हैं माँ

अब उल्टा-पुल्टा
डॉ. सुशील जी जोशी


कैसे 
पूछा जाये 
किसी से 

उनके 
पिता जी को 
उनके पिता जी 

सीधा 
सिखा गये 
या उल्टा 
सिखा गये । 

आज बस इतना ही
रविवार शुभ हो
यशोदा








9 टिप्‍पणियां:

  1. वाहहहह..
    बेहतरीन...
    हैप्पी सण्डे...
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति। मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात आदरणीया
    बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति 👌
    मेरी रचना को स्थान देने के लिय सह्रदय आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर रविवारीय हलचल। आभार यशोदा जी 'उलूक' के पिताश्री की सीख को आज के पन्ने में जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर रचनाओं का.गुलदस्ता है दी..मेरी.रचना.को भी स्थान देने के.लिए हृदयतल से अति आभार आपका।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर संकलन सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. अस्वस्था की वजह से विलम्ब से हलचल में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के क्षमाप्राथी हूँ
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत आभार यशोदा दी

    जवाब देंहटाएं

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