सादर अभिवादन।
ये
सर्दी
सुहानी
सिहराती
कुहाँसा ओढ़े
बर्फ़बारी छायी
नियति-चक्र न्यारा।
आइये अब आपको आज की पसंदीदा
रचनाओं की ओर ले चलें-
उसे अपने कोर्स में पढ़ी प्रेमचंद की कहानी 'ईदगाह' याद हो आयी। उसे लगा वह गौरव नहीं हमीद है। गौरव अपनी दादी के लिए चिमटा नहीं चश्मा खरीदना चाहता था ताकि दादी अपने कार्य ठीक से कर सकें। कम दिखने की वजह से कभी रोटी जल जाती तो कभी सब्जी में नमक कम या ज्यादा हो जाता। उसके मित्र एक बड़े दूकान में कुछ ख़रीदने के लिए रुके तो वह सामने चश्मे की दूकान पर रुका,"भैया! मेरी दादी को ठीक दिखलाई नहीं देता है उनके लिए एक चश्मा चाहिए।"
दुःख अतिथि
जाने की नहीं तिथि
बड़ा बेहया
!
कभी चांदनी दामन में भरता
कभी मुठ्ठी की रेत सा फिसलता
जिंदगी कभी बहुत छोटी लगती
कभी सदियों सी लम्बी हो जाती
मौसम आते हैं....
अश्रु बिन्दु सा
बन के खारा जल
बिखर जाऊँ
कोमल गालों पर
या बन जाऊँ
किसी सीप का मोती
बनकर दीमक चाट रहे
नींव घरों की,
वही बन गए आस सभी
खेतिहरों की।
चलते-चलते प्रकृति और इंसान के ख़ूबसूरत रिश्ते पर प्रकाश डालती एक शानदार प्रस्तुति पर -
मैं उन खुशकिस्मत इंसानों में से एक हूँ जो इन जीवों से बात करने का प्रयत्न करता रहा हूँ और इनसे दोस्ती बनाए रखने में सफल हूँ ! आप यकीन करें या न करें प्यार का प्रत्युत्तर देने में यह सब जीव मानवों से बेहद आगे हैं ! इंसानों को सबसे अधिक प्यार करने वाले कुत्तों ( जिन्हें हम जाहिलों ने गाली का दर्जा दिया ),स्मार्ट खरगोश , खूबसूरत गिनी पिग ,के बाद पिछले दिनों अचानक एक अजनबी तोता हमारे घर आ गया जिसकी समझदारी ने हमारी धारणाओं को उड़ाकर रख दिया !
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार।
शुक्रवारीय प्रस्तुति- आदरणीया श्वेता सिन्हा जी
रवीन्द्र सिंह यादव
कर्मों का फल
जवाब देंहटाएंतुझ पर निर्भर
स्वयं को प्रेरित कर---
इसकी ही सच्चाई तलाश रहा हूँ, मीना दी
सुंदर संकलन, सभी को नमन।
यह मार्ग कठिन जरूर है मगर मिलने पर आत्मसंतुष्टि भी बहुत है। सच्चाई तलाश का परिणाम सदैव अच्छा ही होता है सस्नेह आभार ।
हटाएंबेहतरीन रचनाएँ पढ़वाई आपने...
जवाब देंहटाएंआभार...
सादर..
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं
बेहतरीन प्रस्तुति
सभी रचनाकारों को बधाई
सस्नेहाशीष संग हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंअति सुंदर संकलन
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसदैव की तरह अति सुन्दर संकलन । सर्दियों की विशेषता जताती
वर्ण पिरामिड की प्रस्तावना और बेहतरीन रचनाएँ । इस संकलन में मेरी रचना को मान देने के लिए सादर आभार ।
लाजवाब प्रस्तुति सुन्दर संकलन।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह कम शब्दों में कही गयी वज़नदार भूमिका..।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ उत्कृष्ट हैं....एक बहुत सुंदर अंक के लिए आदरणीय रवींद्र जी सादर आभार।
वर्ण पिरामिड के साथ ठंड की विस्तृत भुमिका कम शब्दों में बहुत मोहक।
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक रचनाओं का संकलन सभी रचनाएँ पठनीय सभी रचनाकारों को बधाई ।
मेरी रचना को सामिल करने हेतू तहेदिल से शुक्रिया।
आभार आपका
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ चुनकर लाए हैं रवींद्रजी !!! बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
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