शेर पर गौर फरमाइए..
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बुधवार, 12 दिसंबर 2018
1244..हिदायत है हमें कम सुनो ..
शेर पर गौर फरमाइए..
18 टिप्पणियां:
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जवाब देंहटाएंजो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
काश ! यह बात हम इंसान समझ पाते।
सुंदर अंक के लिये प्रणाम
शुभ प्रभात सखी...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ पढ़वाई
आभार...
सादर.
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति , उत्तम लिंक संयोजन,
सभी रचनाकारों को बधाई
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
जवाब देंहटाएंकिसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है
अच्छी तरह समझा दिया..
बेहतरीन प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ...
सादर..
वाहः वाहः बस वाहः
जवाब देंहटाएंजो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे
किराएदार हैं ज़ाती मकान थोड़ी है
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है
राहत इन्दौरी साहब गज़ब
बेहतरीन प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंवाह सुन्दर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंलाजवाब संकलन ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंराहत इंदौरी साहब का लाजवाब शेर और कमाल के लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंआ हर मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए आज ...
बेहतरीन संकलन
जवाब देंहटाएंवाहहह... जबरदस्त भूमिका....👌👌
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन पम्मी जी..बहुत ही उम्दा है सभी रचनाएँ...।
समसामयिक शेर के साथ अंक का आरम्भ और उतनी ही ख़ूबसूरत पंक्तियों के साथ उपसंहार। सुन्दर रचनाओं का चयन। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंबहुत सार्थक लिंक संयोजन प्रिय पम्मी जी | सस्नेह बधाई |
जवाब देंहटाएंआदि से अंत तक संग्रहित करने योग्य अंक पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने ओ अर्श पर चढ इतराने वाले न भूल की कल कहीं नजर ना आजाओ फर्श पे।
सभी रचनाकारों को बधाई।