सादर अभिवादन
प्रेम और भाईचारे का त्यौहार होली फिर आ गया
ख़ुशनुमा एहसास के साथ।
परम्पराएँ हमारी संस्कृति में रची-बसी हैं जिनमें
समय के साथ परिवर्तन होते रहे हैं।
परिवर्तन विकृति में न बदल जायें इसलिए समय का
सामाजिक व्यवहार अपने सशक्त दख़ल से विकृतियों को
दूर करने के उपाय करता रहता है।
आजकल होली में भी अनेक विकृतियां शामिल हो गयी हैं
जिन पर मनन करना ज़रूरी है।
आपको होली की शुभकामनायें।
चलिए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलते हैं -
गत वर्ष से अब तक बहुत कुछ बदला है लेकिन आदरणीय प्रोफ़ेसर सुशील सर की इस रचना का असर आज भी बरक़रार है-
चल चढ़ाये भंग
उड़ायें रंग
जगायें ख्वाब
सिमटे हुऐ
सोते हुऐ
यहाँ से
वहाँ तक
के सभी के
जितने भी दिखें
समय के
साथ लटके हुऐ
आंचलिकता का अनुपम सौंदर्य और भाषा की कलात्मकता बिखेरती
आदरणीय विश्व मोहन जी की एक रचना -
बरसाने मुरझाई राधा
कान्हा, गोपी-कुटिल फंसायो
मोर पिया निरदोस हयो जी
फगुआ मन भरमायो
जुलमी फागुन! पिया न आयो!
जीवन के विविध रंगों को बिखेरती
आदरणीय महेंद्र वर्मा जी की एक रचना -
अमराई की छांव में, फागुन छेड़े गीत
बेचारे बौरा गए, गात हो गए पीत।
फागुन और बसंत मिल, करे हास-परिहास
उनको हंसता देखकर, पतझर हुआ उदास।
तन्हाई में भावों को मुखरता प्रदान करती एक दार्शनिक अंदाज़ की रचना आदरणीय सुधा सिंह जी
ओढाती है मुस्कुराहट का आन्चल
लोगों को वह रूप दिखाने को!
जो उसका अपना नहीं,
बल्कि छीना गया है
अपने ही पोषक से!
देश के मौजूदा माहौल में आम आदमी से तीख़े सवाल करते हुए आदरणीय गोपेश जसवाल जी की एक रचना-
कितने नीरव औ विजय, रोज़ बनाते हैं वो,
तू करमहीन, गरीबी में ही, मरता क्यूँ है?
उनके जुमलों पे, भरोसा तो दिखाता है तू ,
फिर बता मुझको, कि मुंह फेर के, हँसता क्यूँ है?
आजकल लेटर ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग की चर्चा ख़ूब गर्म है जिसे और
विस्तार से समझा रहे हैं आदरणीय हर्ष वर्धन जोग साहब अपने सारगर्भित आलेख में -
देसी बैंक का खातेदार या फिर फिरंगी बैंक का खातेदार फर्जीवाड़ा कर
रहे हों. या दोनों खातेदार मिले हुए हों और हीरों की जगह कंचे भेज रहे हों.
या फिर माल सस्ता हो और कीमत ज्यादा बताई जा रही हो.
बहरहाल हीरे बहुत कीमती होते हैं और इसलिए इनके साथ जुड़ा है
कालाधन और काले धन से जुड़ा है फिल्म जगत और
नेतागण तो फिर घपले और अपराध भी दूर नहीं हैं.
आदरणीया सुधा देवरानी जी की एक मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति जोकि सराबोर है
जीवन के विविध रंगों से ,कोमल एहसासों से-
कोई बदरी संदेशा ले के आई क्या ?
आसमां ने प्रेम-पाती भिजवाई क्या....??
प्रेम रंग में भीगी भीगी
आज मदहोश सी हो......
चलते-चलते आपकी सेवा में
आदरणीया अभिलाषा जी का एक सवाल-
उनके हवाले कर दिया हमने तुमको
जो हमसे ज़्यादा अजीज़ थे
शिकायतें अब तो और भी बढ़ गयीं
ये हक़ है तुम्हारा या मेरे चाहने की शिद्दत?
हम-क़दम के आठवें क़दम
का विषय...
आज के लिये बस इतना ही।
मिलते हैं फिर अगले गुरूवार।
कल आ रही हैं श्वेता सिन्हा जी अपनी रंगबिरंगी प्रस्तुति के साथ।
रवीन्द्र सिंह यादव
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंस्वस्थ होली की शुभ कामनाएँ
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
होली की ढेर सारी शुभकामनाएं
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएं!
विभिन्न रंगों से सजी बहुत सुंदर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई
धन्यवाद।
वाह!!रंगों से सजी सुंंदर प्रस्तुति ।सभी कै होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंभूमिका के सार्थक संदेश के साथ सुंदर रचनाओं की लाज़वाब प्रस्तुति आदरणीय रवींद्र जी की। होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएँ आप सभी को।
जवाब देंहटाएंहोली की असीम और रंगीन शुभकामनाएं !!!
जवाब देंहटाएंअब जब सब कह रहे हैं तो मान लेते हैं होली का आना ! पांच लिंकों के आनंद को और आनंदित करने वाले इस उल्लास के पर्व की सब को हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुतिकरण, उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद एवं हार्दिक आभार....
आप सभी को ह़ोली की असीम शुभकामनाएं...
आदरणीय रविन्द्र जी --बेहतरीन भूमिका के साथ सार्थक प्रस्तुती | त्योहारों में दिखावे से जनित विकृतियों ने त्याहारों की नैसर्गिक आभा को धूमिल कर दिया है इसमें कोई दो राय नहीं | होली - होली जैसी नहीं रही और दिवाली तो धन के सर्वनाश और धरा के विनाश का दुसरा नाम बन गयी है | पर सोचे कौन ? और रोके कौन ? चिंतन और मनन समय की मांग है नहीं तो आने वाली पीढि यों को कुछ भी नहीं मिल पायेगा | सभी रचनाकार साथियों को हार्दिक शुभकामनाये | लगता है दिग्गज होली के हुडदंग की शोभा बढाने गाँव पहुँच गये | इधर सन्नाटे व्याप्त हैं | इस संकलन कि सभी रचना ओं पर लिख तो नहीं पायी नजर भर पढ़ तो ली हैं | पार कल ईश्वर ने चाहा जरुर लिखूंगी | आपको होली की हार्दिक मंगल कामनाएं और बधाइयाँ | साभी रचनाकार मित्रों को भी होली मुबारक |
जवाब देंहटाएं'LoU की जन्मपत्री' शामिल करने के लिए धन्यवाद. होली की शुभकामनाओं सहित
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