जय मां हाटेशवरी....
अभी दो दिन पहले....रामनवीं थी.....मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिन्होंने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। कौशल्या नंदन प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न से एक समान प्रेम करते थे। उन्होंने माता कैकेयी की 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए पिता के दिए वचन को निभाया। उन्होंने ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाय’ का पालन किया। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि
इन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। माता-पिता और गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए वह ‘क्यों’ शब्द कभी मुख पर नहीं लाए। वह एक आदर्श पुत्र, शिष्य, भाई, पति, पिता और राजा बने, जिनके राज्य में प्रजा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण थी।
केवट की ओर से गंगा पार करवाने पर भगवान ने उसे भवसागर से ही पार लगा दिया। राम सद्गुणों के भंडार हैं इसीलिए लोग उनके जीवन को अपना आदर्श मानते हैं। सर्वगुण सम्पन्न भगवान श्री राम असामान्य होते हुए भी आम ही बने रहे। युवराज बनने पर उनके चेहरे पर खुशी नहीं थी और वन जाते हुए भी उनके चेहरे पर कोई उदासी नहीं थी।
वह चाहते तो एक बाण से ही समस्त सागर सुखा सकते थे लेकिन उन्होंने लोक-कल्याण को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए विनय भाव से समुद्र से मार्ग देने की विनती की। शबरी के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उसे ‘नवधा भक्ति’ प्रदान की। वर्तमान युग में भगवान के आदर्शों को जीवन में अपना कर मनुष्य प्रत्येक क्षेत्र में सफलता पा सकता है। उनके आदर्श विश्वभर के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
नवमी तिथि का महत्व भगवान का जन्म नवमी तिथि को हुआ जो अपने आप में ही पूर्ण है। अंकशास्त्र के तहत 9 का अंक सबसे बड़ा और पूर्ण है। यदि 9 के अंक को किसी भी अन्य एक अंक से गुणा करेंगे तो उसके गुणांक का जोड़ भी 9 ही होगा।
9X1 = 9
9X2 = 18 (1+8 =9)
9X3 = 27 (2+7 =9)
9X4 = 36 (3+6 =9)
9X5 = 45 (4+5 =9)
9X6 = 54 (5+4 =9)
9X7 = 63 (6+3 =9)
9X8 = 72 (7+2 =9)
9X9 = 81 (8+1 =9)
9X10 = 90 (9+0 =9)
जीत या हार ...
उम्र काफी नहीं होती पहली मुहब्बत भुलाने को
जुम्बिश खत्म हो जाती है आँखों की
पर यादें ...
वो तो ताज़ा रहती हैं जंगली गुलाब की खुशबू लिए
ये जीत है आवारा मुहब्बत की या हार उस सपने की
जिसको पालने की कोई उम्र नहीं होती
महज़ बातों ही से क्या मन की बात होती है
तू ख़ुश रहे
तू सदा होके आबाद रहे
इन्हीं दुआओं के संग
सुबह-शाम होती है
वफ़ाएँ छोड़ भी दीं
जफ़ाएँ ओढ़ भी लीं
बताओ ना मम्मा
यह सब छल था तेरा बस एक झूठा यश कमाने को.
कहाँ थी तब तेरी भक्ति दिया था घूरे पे जब फेंक,
मैं तब भी थी वही ‘देवी’ उसे तू क्यों न पाई देख !
गर्मी आने की आहट
छतों पर खोज रहीं है
चिड़ियां
दाना पानी
पिछले बरस ही
फेंक दिया गया था
फूटा मटका
घर घर
ढूंढा जा रहा है पानी ---
क्या किया, सोचो कभी तो
कल धरा का रूप क्या हो !
दिख रही जो आज धानी
गर नहीं सत्ता रहेगी
कौन राजा, कौन रानी !
रामनवमी पर विशेष --- -----राम की राजनीति--- डा श्याम गुप्त...
ऋषि-मुनि गण एवं वनचारी,
सबको प्रभु ने आश्वस्त किया|
अत्याचार न होगा कोई,
जो अब तक होता आया है |
कोई मख विध्वंस न होगा,
कुटिया का भी ध्वंस न होगा३ ||
आज के बच्चे कल के नेता
यही जब नेता बनेंगे
बागडोर देश की सम्हालेंगे
ये ही कमान सम्हालेंगे
लोकसभा विधान सभा में
अखाड़े का मंजर रहेगा
मजा कुश्ती का आएगा |
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हम-क़दम
सभी के लिए एक खुला मंच
आपका हम-क़दम बारहवें क़दम की ओर
इस सप्ताह का विषय है
:::: तन्हाई ::::
:::: उदाहरण ::::
जब कभी किसी
तन्हा सी शाम
बैठ अकेले चुपचाप
पलटोगे जीवन पृष्ठों को
सच कहना तुम
क्या रोक सकोगे
इतिहास हुए उन पन्नों पर
मुझको नज़र आने से
क्या ये कह पाओगे
भुला दिया है मुझको तुमने
कैसे समझाओगे ख़ुद को
बहते अश्कों में छिपकर
याद मेरी जब आयेगी
शाम की उस तन्हाई में
आप अपनी रचना शनिवार 31 मार्च 2018
शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं। चुनी गयी श्रेष्ठ रचनाऐं आगामी सोमवारीय अंक 01 अपैल 2018 को प्रकाशित की जाएगी ।
इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी हेतु हमारे पिछले गुरुवारीय अंक
11 जनवरी 2018 का अवलोकन करें
धन्यवाद.
शुभ प्रभात भाई
जवाब देंहटाएंबढ़िया संयोजन
आभार
सादर
सस्नेहाशीष संग शुभ दिवस
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुतीकरण
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स हैं आज ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...
सुन्दर रचनाओं का संकलन।
जवाब देंहटाएंगर्मी की आहट
पशु पक्षियों की अकुलाहट
पानी के लिए हाहाकार
क्रद्ध जनता के बीच महाभारत .....
यही सब देखने के दिन आ गए हैं
के ....पानी को पानी पिलाने के दिन आ गए हैं
सादर
बहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
धन्यवाद।
बहुत सुन्दर प्रस्तुती
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
विषय बहुत सरल और बहुत कठिन है
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!!बहुत सुंदर संकलन..।
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति ! आज की हलचल में मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार भाई कुलदीप जी !
जवाब देंहटाएंआदरणीय कुलदीप जी --- अंक शास्त्र में नौ का इतना महत्व है क्यों है ये आज आपके माध्यम से जानकार बहुत अच्छा लगा | राम के मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाने को दर्शाती हुई रामायण की संक्षेप कथा बहुत खूब है |सचमुच श्री राम को मर्यादा के शिखर पुरुष यूँ ही नहीं कहा जाता | सभी रचनाये पढ़ी | खेद है कि श्याम गुप्त जी की सुंदर रचना पर टिप्पणी संभव ना हो पाई , हालाँकि मैंने कई बार कोशिश की | अतः इसी मंच से उन्हें अपनी शुभकामनायें देती हूँ | अन्य सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाये और आपको भी इस सुंदर , सार्थक प्रस्तुती के लिए हार्दिक बधाई |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ उत्तम पठनीय और सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें सभी रचनाकारों को बधाई
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जवाब देंहटाएंसुंदर विवरण व लिंक्स
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