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शुक्रवार, 2 मार्च 2018

959..होली हो ली मियाँ चलो आओ शुरु करते हैं खोदना फिर से अपना अपना कुआँ


होली तो
बस, अब हो ली
सखी का प्लेन लैण्ड हो चुका है
चेक ऑउट कर रही हैं वे.......

सादर अभिवादन..
कुछ कहना चाहते हैं.....हम

.................
अपना वो पुराना कबाड़ी है न
नई चीजों को कबाड़ बना देता है

................
कभी टूटी साइकल भी न चलाई हैं वे
अब हवा-हवाई कहलाने लगी है..
सर्वज्ञानी संत तो 
कल ही अपना परवचन सुना चुके हैं.......
हम हिमांचली को कुछ नहीं कहेंगे...वे सुन तो नहीं न पाएँगे
अलबत्ता देख अवश्य लेंगे....कुछ छूट गया हो तो जोड़ लेंगे
...............
अधिक हो गया तो अनदेखा कर देंगे....
पर हमारे बारें में कुछ न कहिएगा....
.....वो मच्छर है न बुरा मान जाएगा
हम आज होरियाय गए हैं न.....
बहरहाल, होली की शुभ कामनाएँ.....

अब चलिए परम्परागत रंगों की ओर.......

आज होली के दिन
एक नए ब्लॉग का प्रवेश

बस्ती पुरानी याद आयेगी...राजीव भरोल
पुराने दोस्तों की मेज़बानी याद आयेगी
तुम्हें महलों में भी बस्ती पुरानी याद आयेगी

वो फुर्सत की दुपहरी और वो फरमाइशी नगमे
तुम्हें परदेस में आकाशवाणी याद आएगी


होली के रंग......श्वेता सिन्हा

हृदय भरा उल्लास 
हथेलियों में मल रंग लिये, 
सुगंधहीन पलाश बिखरी 

तन में मादक गंध लिये। 

उभरते क्षितिज.....पुरुषोत्तम सिन्हा

शब्द कई, शब्दों के प्रारूप कई,
हर शब्द, इक नया स्वरूप ले आया,
कुछ शब्द शीर्षक बन इतराए,
कुछ क्षितिज की ललाट पर चढ़ भाए,
क्षितिज विराट हो इतराया,
वो नभ पर, इक नया क्षितिज उभर आया...

विचार...प्रियंका श्री
जब मन में भावों की 
उथल पुथल मच जाये।
न बसे तब चैन मन में
बुद्धि भी काम न आये।
भटक भटक कर तन मन
जब थक जाये।


इस बार खेलें बचपन वाली होली .....रश्मि शर्मा
कोई आज ये कहे आपको....होली आ रही है। 
क्या इरादा है इस बार। आप गहरी सांस लेंगे और बोलेंगे...भई, 
अब कौन खेलता है पहले सी होली। लोगों से मि­लना-जुलना होगा, अबीर लगा लेंगे। हो जाएगी होली। इस जवाब के साथ ही दीर्घ श्वांस लेकर कहेंगे आप...होली तो हमारे जमाने में होती थी। असल फगुआ का जो आनंद हमने उठाया है, वह आज की पीढ़ी क्या जाने। तैर गया न आपकी आंखों में भी आपका बचपन।

उलूक टाईम्स वाले इस साल लाल है
खुदाई में मिला माल है

सियार भी अब 
टोलियों में 
निकलते हैं कहाँ 
कर जरूर रहे हैं 
पर अकेले में 
खुद अपने अपने 
लिये हुआँ हुआँ 
होली हो ली 
इस साल की मियाँ 
आगे के जुगाड़ 
पर लग जाओ 
लगाओ आग कहीं 

चलते-चलते एक आज का सच
किसी ने कहा है
ईर्ष्या नहीं प्रतिस्पर्धा कीजिए
ईर्ष्या के साथ की गई प्रतिस्पर्धा
स्वयं के लिए घातक ही होती है

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पुनः रंगोत्सव की शुभ कामनाएँ

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हम-क़दम के आठवें क़दम
का विषय...

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सादर...
यशोदा




10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभातम् दी:)
    होली के रंग सबके जीवन में सुरभित होतै रहे यही कामना है। रंग भरी शुभकामनाएँ सभी को।
    बहुत सुंदर लिंकों का हंयोजन है आज के स्पेशल अंक में। मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार दी।
    सभी साथी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. समस्त हलचल के माननीय मित्रों व रचनाकारों को होली की अनंत शुभकामनाएँ। आपका जीवन रंगो से भरा रहे।

    जवाब देंहटाएं
  3. रंग प्रेम है
    रंग सुहाग है
    रंग हल है
    सब रंग आपके जीवन में बना रहे

    जवाब देंहटाएं
  4. सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । बहुत सुंंदर संयोजन ...सभी रचनाकारों को बधाई ....।

    जवाब देंहटाएं
  5. रंगोत्सव पर रंगीन भूमिका के साथ रंगीन रचनाएं। दिलखुश प्रस्तुति। सभी को होली की असीम शुभ कामनाएं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  6. होली की शुभकामनाएं।
    हास-परिहास और कोतूहल पैदा करती भूमिका के साथ रंग बिरंगी प्रस्तुति।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंंदर संयोजन
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. उम्दा रचनायें
    बहुत सुंदर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  9. बेहतरीन प्रस्तुति उम्दा लिंक्स....
    होली की शुभकामनाएं....

    जवाब देंहटाएं
  10. शुभकामनाएं
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
    बेहतरीन ब्लॉग.

    जवाब देंहटाएं

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