सादर अभिवादन।
सत्य, प्रेम, क्षमा, एकता और भाईचारे का सन्देश देने वाले
ईसा मसीह को आज के दिन अनेक प्रकार की यातनायें देते हुए
सलीब (सूली) पर लटकाया गया था अतः ईसाई धर्माबलम्बी इसे
शोक दिवस के रूप में काला शुक्रवार , पवित्र शुक्रवार,
महान शुक्रवार भी कहते हैं। नासमझी में कुछ लोग अपने
ईसाई मित्रों को "Happy Good Friday" कहते हैं या सन्देश भेजते हैं
जो उनके शोक में असहज स्थिति उत्पन्न करने वाली भूल है।
धार्मिक उन्माद में
झुलसते माहौल में
पवित्र विचारों का झौंका आये
तो रूह को सुकून आये।
चलिए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलते हैं-
आदरणीय पंकज प्रियम जी की एक विचारोत्तेजक रचना-
लफ्ज़ मेरी पहचान बने तो ही बेहतर
चेहरे का क्या है?
वो तो मेरे साथ ही गुजर जाएगा।
शब्द मेरा सम्मान बने तो ही बेहतर
बोल का क्या है?
वो तो मेरे साथ ही चुप हो जाएगा।
आदरणीया मीना गुलियाली जी दिखा रही है एक कड़वा सच
कड़वा सच है
मैं एक पानी की बूँद हूँ
कुछ हवा भी तूफ़ान उठाती है
एक प्रलय ,ज्वारभाटा सा
मेरे अन्तर में उभरता है
हर कोई जिसे नहीं समझता
आदरणीया डॉ. इन्दिरा गुप्ता जी की एहसासों को
शिद्दत के साथ महसूस कराती एक गंभीर रचना -
सूखे सूखे
चरमर पत्ते
आहट से
चर्राते से !
दबे पाँव से
आती यादै
फिर भी
आस जगाते से !
आदरणीया ऋतु जी की रचनाओं में दार्शनिक अन्दाज़ बख़ूबी झलकता है। उनकी एक रचना आपकी नज़र-
अब मैं आज जो है ,उसको जीना सीख गया हुआ हूँ
जो वर्तमान है वही ख़ूबसूरत है ,सत्य है
भविष्य की चिंता में अपना आज खराब नहीं करता
अपने आज को ख़ूबसूरत बनाओ
कल ख़ुद ब ख़ुद ख़ूबसूरत ख़ुशियों भरा हो जाएगा ।
आदरणीय अयंगर साहब की आकर्षक लेखकीय प्रतिभा अब किसी से छिपी नहीं है। वैचारिकी की गहराई महसूस कीजिये इस
सारगर्भित एवं विचारोत्तेजक आलेख में -
अच्छी गुणवत्ता के साथ हमारे विज्ञों को बाहर परदेश जाने दीजिए .. मत रोकिए, ब्रेन ड्रेन के नाम पर. मत पीटिए सर कि आई आई टी से पढ़कर बच्चे देश की सेवा करने की बजाए अमेरिका जैसे देशों में सेवा देते हैं. क्या करेंगे बच्चे, यदि देश में उचित नौकरी उपलब्ध न हो तो ?
रही बदलती काया
जर्जर हुआ तन अंत में
कभी न फिर ठौर पाया
है सृष्टि का नियम यही
इक दिन तो माटी में
इसको
है मिल जाना
रेखा जोशी
आदरणीया पूनम जी की ख़ूबसूरत प्रस्तुति आपकी नज़र -
प्रस्तुति- पूनम श्रीवास्तव
झुकी हुई डालियां कुछ और नीचे झुक आयीं।उन्होंने पहचाना, वह सलमा थी।और सलमा जानती थी कि क्यों ये डालियां इतना नीचे झुक आयी हैं और पिछले पतझड़ के गिरे सूखे फूल-पत्तों में वे किसे ढूंढ़ रही हैं।
आदरणीय ऋषभ जी की प्रस्तुति पर ग़ौर कीजियेगा-
बेचारे नेता जी...ऋषभ शुक्ला
थोड़ी देर बाद चौधरी साहब का काफिला भी आगे बढ़ गया, लेकिन पांडे जी उस युवक के साथ उसी चाय की दुकान पर एक और काफिले के इंतज़ार में बैठ गए, और चौधरी जी बुराइयां शुरू | चायवाला शुरू से अंत तक के इस घटनाक्रम को देख बरबस ही बोल उठा ...........
बेचारे नेता जी !
आज के लिए बस इतना ही।
और हम-क़दम..
हम-क़दम के बारहवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........
कल की प्रस्तुति लेकर आ रही हैं
आदरणीया विभा दीदी
जिसमें समाहित हैं
क्षमा बिषय पर आधारित
ख़ूबसूरत रचनाऐं और साहित्यिक गतिविधियों की सूचना।
रवीन्द्र सिंह यादव
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
साधुवाद
सादर
आदरणीय रवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंसुप्रभात।
गुड फ्राइडे के संबंध में ज्ञानवर्द्धक जानकारी देने के लिए आभार। अन्याय,अज्ञानता तथा घोर विलासिता का विरोध करने पर ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ा दिया गया था। धर्म कोई भी हो सदैव मानवता और प्रेम का संदेश देती है काश कि लोग धर्म का मूल संदेश समझ पाते।
बहुत सुंदर सराहनीय रचनाएँ है सारी। रचनाओं के साथ लिखे आपके अमूल्य विचार विशेष है।
सुंदर अंक के बहुत सुंदर प्रस्तुति के लिए रवींद्र जी बधाई आपको।
उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनायें
सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउम्दा चयन ,बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसभी रचनायें मनमोहक। रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई।
sundar prastuti,
जवाब देंहटाएंmeri rachna "bechare neta jee" ko sthan dene hetu abhar.
https://meremankee.blogspot.in/2018/03/indian-leaders.html
बहुत सुंदर! मेरी पहचान को समझने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर! मेरी पहचान को समझने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवींद्र जी,
जवाब देंहटाएंगुड फ्राइडे के संबंध में जानकारी देने के लिए आभार।
सुंंदर संकलन
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई
धन्यवाद
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!!रविन्द्र जी ,सुंंदर भूमिका के साथ बहुत ही उम्दा संकलन ।
जवाब देंहटाएंअप्रतिम जानकारी के साथ सुंदर प्रस्तुति। सभी रचनाऐं आकर्षक सभी रचनाकारों को बधाई
जवाब देंहटाएंगुड फ्राइडे की महत्वपूर्ण जानकारी के साथ शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंअति अति आभार मेरी रचना कोसार्थकता देने के लिये ! धन्यवाद
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन....
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआदरणीय रवीन्द्रजी ---- आज के लिंक- संयोजन की सभी रचनाएँ पढ़कर आ रही हूँ | सभी अपनी जगह खास हैं | भूमिका में दी गयी जानकारी से अभूतपूर्व ज्ञानवर्धन हुआ | आज मानवता के मसीहा का बलिदान दिवस है उन्हें नमन | ईशा मसीह ने अपने करुणा और प्रेम के संदेश से विश्व भर मे लोगों को प्रभावित किया | हालाँकि मैंने कभी किसी को इस दिन बधाई नहीं दी पर '' गुड फ्राइडे ' से ज्यादा परिचय नही था | आपका सादर आभार इस सुंदर , सार्थक प्रस्तुति के लिए |
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