हम-क़दम का ग्यारहवें क़दम
का विषय...
...........यहाँ देखिए...........
आज के लिए बस इतना ही।
मिलते हैं फिर अगले गुरूवार।
कल आ रही है आदरणीया श्वेता सिन्हा जी की प्रस्तुति।
रवीन्द्र सिंह यादव
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात....
जवाब देंहटाएंसही व सटीक चयन
सादर
जीवन में दुःख है,
जवाब देंहटाएं- दुःख का कारण है,
- दुःख का अंत है और
- दुःख के अंत करने का मार्ग
सार्थक कथन
सुंदर प्रस्तुतीकरण
सारगर्भित भूमिका के साथ बेहद सराहनीय रचनाओं की लाज़वाब प्रस्तुति रखी है आदरणीय रवींद्र जी ने।
जवाब देंहटाएंसाहित्य जगत में आदरणीय केदार नाथ जी को सदैव याद किया जाता रहेगा। लेखक अपनी कृतियों के माध्यम से अमर हो जाते है।
बहुत अच्छी रचनाएँ है आज के अंक की।
बहुत अच्छी प्रस्तुति आदरणीय केदारनाथ सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती भाव भीनी भुमिका
जवाब देंहटाएंसभी रचनाऐं शानदार।
रचनाकारों को बधाई ।
आदरणीय केदारनाथ सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करती भूमिका के साथ बहुत सुंदर प्रस्तुतिकरण..
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
धन्यवाद।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशानदार पठनीय लिंक संकलन एवं बेहतरीन प्रस्तुतिकरण....
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा रचनायें
जवाब देंहटाएंबेहतरीन संकलन
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
आदरणीय रविन्द्र जी -- देर से उपस्थिति के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ | आदरणीय केदार नाथ जी को
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रधान्जली | उनकी पुण्य स्मृति को सादर नमन |उनका साहित्य में योगदान अविस्मरनीय है और वे अपनी भावपूर्ण रचनाओं के रूप में साहित्य में सदैव उपस्थित रहेंगे | सभी प्रस्तुतियां ला जवाब हैं | सभी रचनाकारों को सस्नेह बधाई और आपको भी बेहतरीन लिंक संयोजन के लिए विशेष बधाई |