ये रख दी मैंनें आज की प्रथम कड़ी
मगध सत्ता में..गिरीश पंकज
उभरे दुरजन धीरे-धीरे
खुला करप्शन धीरे-धीरे ।।
संतो, बचना पास बुलाए
तन, धन, कंचन धीरे-धीरे ।।
......
इज़ाज़त दें यशोदा को
फिर तो मिलना ही है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभप्रभात. दीदी...
जवाब देंहटाएंआजादी के बाद...
सबसे प्रीय हैं मुझे स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी....
पर ऐसे नेताओं को टिकने कौन देता है...
श्रधा से कोटी-कोटी नमन...
सुंदर लिंक संयोजन....
आभार
सुंदर लिंक संयोजन । मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए हार्दिक आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंस्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य तिथि पर सादर श्रद्धा सुमन!
बढ़िया हलचल
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति यशोदा जी ।
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