बहुत परेशान है मेरी कविता
कुछ सच्ची कुछ झूठी है मेरी कविता !!
कोशिश करता हूँ लिखू कठिन शब्दों में
पर बहुत ही सरल शब्दों में है मेरी कविता !!
शब्दों की मुस्कुराहट.........संजय भास्कर
चलते-चलते एक गीत सुनना तो बनता ही है
मकर संक्रान्ति जो है आज
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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शुभ प्रभात भाई संजय जी
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाएँ पिरोई है आपने
आज की प्रस्तुति में
सादर
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंभाई संजय जी आपने चुनकर मोती लाए हैं...
आभार आप का....
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
शुभ प्रभात पुतर जी
जवाब देंहटाएंखूबसूरत परस्तुतिकरण
बहुत सुंदर प्रस्तुति सुंदर रचनाओ के साथ । मेरी रचना को स्थान देने का तहे दिल से शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपके हिन्दी ब्लॉग और चिट्ठे को चिट्ठा फीड्स एग्रीगेटर में शामिल किया गया है। सादर … धन्यवाद।।
जवाब देंहटाएंबढ़िया :)
जवाब देंहटाएंWaaah kya baaat hai.......anupam links
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