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शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

189...नाप - तोल सही होने पर मुख खोलो

शुभ प्रभात 
आज मैं मुखातिब हूँ
आपके समक्ष..
सहन कर लीजिएगा मुझे
व मेरी पसंदीदा रचनाओं को..

काश उजालों की चाहत ना होती,
काश अन्धेरा उदास ना होता!
इतना शोर सीने में  क्यों  हे,
काश सन्नाटा बाहर  ना होता !

प्रत्येक  माँ - बाप चाहते है कि उनके बेटे/ बेटी पढ कर नाम रोशन करे । 
लेकिन कुछ ऐसे  कारण होते है छिपे कि विद्यार्थी  चाहते हुए भी  पढाई नही कर पाते है । 
उनका दिल तो पढने को  करता है , लेकिन  उनका मन पढाई मे नही लगता है।
 मन ना लगे तो क्या करे।

व्याकरण पढ़ो भाषा शुद्ध करो ,
मौखिक लिखित से विचार व्यक्त करो |
मौखिक में अशुद्धता है कम बोलो ,
बोलने से पहले बार -बार तोलो |
नाप - तोल सही होने पर मुख खोलो ,

श्रम लिखते
माँ, भू-लाल के भाल
स्वेद क्षणिका
और
वंश उऋणी
बीजती माता जाई
बीज संस्कारी

मृत पति संग
चिता पर जलाई गई
पांच पतियों समुख
निर्वस्त्र की गई
श्राप देकर पाषाण बनाई गई 
वो नारी थी।

जुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती है
मेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है
कहूं कैसे मैं ये तुमसे बहुत मुश्किल गुजारा है
भरी दुनियां में बिन तेरे नहीं कोई सहारा है


अंतिम पसंदीदा रचना है मेरी आज की

अब राखें चिंघाड़ेंगी क्या पस्त हो
ख़त्म कर सब कहानी पवन खेलकर
मातम पर हँसता हुआ चल दिया
क्रूर विध्वंस कर नाद से बेखबर


कुलदीप भाई  की एक उपलब्धि
पांच लिंकों का आनंद के लिये एक android App. बनाने का प्रयास किया है।  
जिस का लिंक है। 
https://dl.dropboxusercontent.com/u/22664705/_bloghalchal.apk 

आप इसे भी install करके देखें। बताएं कि ये कितना उपयोगी हो सकता है।

दें इज़ाजत
वक्त मिला तो
फिर मिलेंगे
सादर
दिग्विजय







11 टिप्‍पणियां:

  1. Good Morning... App. Installed...working success fully...Thanks to kuldeep

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात..
    अच्छी रचनाएं चुनी आपने
    अधिकांश रचनाओं के ब्लाग पहली बार
    इस अंक के साथ जुड़े हैं
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    बहुत सुंदर
    लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रयास आपके द्वारा. धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद मेरी रचना को जगह देने के लिए।

    जवाब देंहटाएं
  6. भाई साहब आप अधिक व्यस्तता के चलते भी....
    कभी कभी आनंद को अपना
    अमुल्य सहियोग देना नहीं भूलते...
    आभार आप का...
    बहुत अच्छा लगता है...
    आप की प्रस्तुति पढ़कर...
    आज भी प्रस्तुति पढ़कर मन आनंदित हुआ...

    जवाब देंहटाएं
  7. बढ़िया हलचल प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं

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