प्यार में.... रेवा टिबरेवाल
औरत नाम है ऐसे जीव का
जो हमेशा पिसती रहती है
दो पाटों मे
कभी ससुराल तो
कभी मायके के नाम पर
कभी पति तो कभी
बच्चों के नाम पर .....
उसके मन की बात कभी
कोई नहीं सुनता
क्योंकि वो खुद की
कहाँ सुनती है
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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उम्दा लिंक्स , मेरी रचना को यहाँ स्थान देने के लिए शुक्रिया
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स-सह-हलचल प्रस्तुति हेतु आभार
जवाब देंहटाएंhamen shamil karne hetu abhar sundar charcha links hai hardik badhai shubhkamnayen
जवाब देंहटाएंशुभसंधया...
जवाब देंहटाएंसुबह हलचल न पढ़ सका...
सोच रहा था क्या कुछ नया होगा...
पढ़ा तो सब कुछ नया था...
आभार दीदी आप का...
बेहतरीन लिंक दिए आपने , रचना को सम्मान देने के लिए आपका आभार !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक दिए आपने , रचना को सम्मान देने के लिए आपका आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति । आपने 'उलूक' के फिर से छपने की खबर दी बी एस एन एल ने ब्राड बैंड सेवा ही बंद कर दी :)
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