सो आज मेरी प्रस्तुति..
नितीश तिवारी के ब्लॉग में
कुछ तो खता कर दी मैंने मोहब्बत निभाने में,
जो तुमने देर ना की पल भर में मुझे भुलाने में।
खुदा की जगह तेरा सज़दा किया मैंने सुबह-ओ-शाम,
पर तेरी दिलचस्पी नहीं थी इस रिवाज़ को निभाने में।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात छोटी बहना
जवाब देंहटाएंउम्दा परस्तुतिकरण
meri kahani ko shamil karne ke liye aapka dil se shukriya .
जवाब देंहटाएंaapka aabhar aur dhanywaad
vijay
आभार "काफिर" को शामिल करने हेतू .....
जवाब देंहटाएंशुभप्रभाद दीदी...
जवाब देंहटाएंसुंदर हलचल...
आभार आप का....
स
बहुत बढ़िया हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार!
सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया हलचल ,मेरी रचना शामिल करने के लिए आपका आभार
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