निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 28 जनवरी 2021

2022...वक़्त ठहरता नहीं...

 

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।

वक़्त 

ठहरता नहीं 

सब ख़ूब जानते हैं,

फिर भी कभी-कभार 

ठहर जाने की दुआ माँगते हैं।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-

एक और नया पन्ना जुड़ा... आकांक्षा-आशा लता सक्सेना

पर अभी तक प्रश्न अनुत्तरित हैं

इनके उत्तर  ढूँढूं कहाँ

जिससे भी जानना चाहा

उसी ने कहा यह तो

जीवन में आने वाली सामान्य सी

सहज ही सी प्रतिक्रिया है |

कुछ हैं तेरी याद से जुड़े हुए ...स्वप्न मेरे

मेरी फ़ोटो

रोज एक इम्तिहान है नया,
हम भी इस तरह से कुछ बड़े हुए.
 
बादलों का साथ दे रही हवा,
सामने हैं सूर्य के अड़े हुए.

बूँदें... कविताएँ

उन्हें नहीं पता

कि उन्हें उतरना ही होगा,

मिलना ही होगा मिट्टी में,

हारना ही होगा

धूप से, हवा से.

धागे का दु:... बोल सखी री

मिलान में रेड कार्पेट पर चलती हसीनाएं और उनका शरीर

जाने आजकल गंध क्यों मारते हैं,

बाबू के माथे का पसीना

जब-जब गिरा है करघे की डोरों पर,

यह देश मेहनत की ख़ुशबू में डूब गया है।

एक अजीब बाज़ार है दुनिया... काव्यांजलि

मेरी फ़ोटो

सच की कीमत को समझे

झूठ का करती व्यापार है दुनिया,

सौदा करने का ढंग आये

हिसाब मे बड़ी बेकार है दुनिया,

आंदोलन... काव्य कूची

My photo

आंदोलन के नाम क्यों,करते लोग बवाल।

मूल लक्ष्य को भूल कर,बजा रहें हैं गाल।।

 चिपको आंदोलन हुआ,चेती तब सरकार

लक्ष्य रहा पर्यावरण, तभी बचे कांतार।।

युद्ध और हिंदी कहानी: समालोचन


हजारों भारतीयों को नितांत अपरिचित भूमि पर मरने के लिए भेज दिया जाता था . ...सिद्धांत रूप में तो सैनिक-भर्ती स्वैच्छिक थी, किन्तु व्यवहार में यह लगभग ज़ोर-ज़बरदस्ती का रुप धारण कर लेती थी. पंजाब में 1919 के उपद्रवों के पश्चात कांग्रेस द्वारा की गयी जाँच-पड़ताल से ज्ञात होता है कि वहाँ के लेफ्टिनेंट  गवर्नर माइकेल डायर के शासन काल में लंबरदारों के माध्यम से जवानों को सेना में भरती होने के लिए बाध्य किया जाता था.”

*****

आज बस यहीं तक

फिर मिलेंगे अगले गुरूवार।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव 

10 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन प्रस्तुति, सभी रचनाएँ बहुत ही सुंदर है, हार्दिक आभार आपका शुक्रिया शुभ प्रभात, सादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  3. सराहनीय प्रस्तुति--साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. उम्दा प्रस्तुति |मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद |

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर लिंक सयोजन ...
    आभार मेरी गज़ल को शामिल करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...