कैलेंडर की बदलती तारीख़ों में
नववर्ष की प्रथम भोर
आप सभी के जीवन में
मनवांछित खुशियाँ लेकर आये।
सभी पाठकों के लिए
हमारे पाँच लिंक परिवार की
मंगलकामनाएं -
दायित्व में पस्त अधिकारों की होती बेक़रारी।
हाय तौबा मचा लेते हैं खड़ा होकर किनारी।
विगत क्या आगत क्या रंगों की उलझन बड़ी,
जान-ए ली चिलम जिनका पर चढ़े अंगारी।
जिन्दगी से हम जब भी ...
सा, रे, ग, म सीखने के लिए प्रयत्नशील होते हैं
वो हमें उलझते देखने में जुटी रहती है
"सारे गम" को लेकर ...
बस रगड़ा है पलड़ा सन्तुलित रहे..
-विभारानी श्रीवास्तव
दोस्त को दोस्ती से पहले,
प्यार को मोहब्बत से पहले,
खुशी को गम से पहले,
और आप को सबसे पहले,
हरदिल अज़ीज़ शुभकामनाएँ
-दिग्विजय अग्रवाल
2020 न बने 2021
ज़िन्दगी गुज़र गई
वक्त की सवारी में
तेरे मिलने के सुकून
तेरे बिछुड़ने की बेक़रारी में
-यशोदा
वक़्त गुज़र जाता है यों ही गुज़रते-गुज़रते
एहसास ज़िंदा रहते हैं
सोते-जागते हँसते-रोते
दीवार पर एक परिवर्तन
ज़रुर देखना होगा
उम्र गुज़री है तमाम
कलेंडर बदलते-बदलते!
स्वागत नव वर्ष 2021
हँसते-हँसते!!
©रवीन्द्र सिंह यादव
क्षणिक विराग में बिता साल
क्षणिक अनुराग में आयेगा
कल
बेलौस समीरण फिर बह चला
नव अंकुरित,नव तरंग,नव पल
पम्मी सिंह ' तृप्ति '..
बदलता है सब कुछ यहां,
नहीं रहता वक्त एक सा,
कष्टों का साल बीत गया,
आया है वर्ष हर्ष का।
तुम्हारे आने से ये उमीद जगी है,
नव-वर्ष तुम्हारा स्वागत है.....
©कुलदीप
सुनहरे सपनों की झंकार लाया है नववर्ष,
खुशियों के अनमोल उपहार लाया है नववर्ष,
आपकी राहों में फूलों को बिखराकर लाया है नववर्ष,
महकी हुई बहारों की खुशबू लाया है नववर्ष!
-दिव्या
हार्दिक शुभकामनाओं सहित साल के बदलाव की इस समययात्रा के साथ ग़ज़लयात्रा में आज प्रस्तुत हैं कुछ नई - पुरानी, ऐसी चुनिंदा ग़ज़लें जिनमें नए साल के आगमन के प्रति अनेक आशाएं दृष्टिगोचर होती हैं।
जीने की प्रत्याशा। वाहवाही का
झुनझुना दिखा कर लोग
लूट ले जाते हैं, हमसे
हमारा ही वजूद,
हम ख़ुद को
देखते हैं
यूँ ही
लुटते हुए, होश में रहने के बावजूद,
जिन्हें हम समझते हैं अपना
ख़ैरख़ाह, वही एक दिन
मौक़ा मिलते ही दे
जाते हैं, बड़ी ही
ख़ूबसूरती से
हम को
कोरोना काल में यदि नया साल मनाना हो जरूरी
तो तय कर लो एक निश्चित दूरी
कहीं अगर बीच में कोरोनो आ धमकेगा
तो सारी मौज-मस्ती पर पानी फेर देगा
इसलिए
क्षण भर की खुशी के चक्कर में
खतरे न लो मोल
नव वर्ष नव उत्कर्ष...कुुुसुम कोठारी
सभी अपनों को निमंत्रण
अगले पन्ने पर दूँगी
आके सभी लिख देना
साथ बिताई अपनी अच्छी यादें
सुखद क्षण कुछ अच्छे विचार
फिर उस किताब की कुछ प्रतिलिपि
वीर भरें हुंकार हमारे , नए साल में ,
डर कर भागें वैरी सारे , नए साल में !
असत सत्य के आगे हारे , नए साल में ,
चहुँ दिशि फैले हों उजियारे ,नए साल में !
मनुष्य की जिजीविषा ही उसकी शक्ति है, इसलिए खराब हालात के बाद भी, टूटे मन के बाद भी लगता है कि सब कुछ ठीक होगा और एक सुंदर दुनिया बनेगी । 2021 का साल इस मायने में बहुत सारी उम्मीदों का साल है, टूटे सपनों को पूरा करने के लिए फिर से जुटने का साल है। 2020 की बहुत सारी छवियां हैं, करोना से टूटते लोग हैं, महानगरों से गांवों को लौटते लोग हैं, बीमारी से मौत की ओर बढ़ते लोग हैं, नौकरियां खोते और गहरी असुरक्षा में जीते हुए लोग हैं। मनुष्य इन्हीं आपदाओं से जूझकर आगे बढ़ता है और पाता है पूरा आकाश।
बदलाव हो जायेगा यदि हम 2020 की दी हुई एक-एक सीख को स्मरण कर अपनी गलतियों को सुधारने लगेंगे। आधुनिकता की अंधी दौड़ से खुद को निकलकर अपनी परम्परागत जीवन शैली को अपनाते हुए खुद के सेहत का धयान रखना शुरू करेगें,घर को सुख-ऐश्वर्य के सामान से ही नहीं परिवार से सजाना शुरू करेगें,समाज को कुंठित-कलुषित करना छोड़ उसमे प्यार और भाईचारा का रंग भरना शुरू करेगें,प्रकृति को दूषित करना छोड़, उसे प्रदूषणरहित करने की ओर अग्रसर होंगे, अपनी सोच को बदलगे तो बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है।
......
पुनः और पुनः शुभकामनाएँ
कल आ रही है विभा दीदी
एक और अनोखी प्रस्तुति के साथ।
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ठूँठ पर बने नीड़,
माटी में दबे बीज के फूटने की आस
की तरह,
जटिल परिस्थितियों में
नयी संभावनाओं की प्रतीक्षा में
जीवन की सुगबुगाहट से ही
सृष्टि का अस्तित्व है।
-श्वेता
शुभ हो,मंगल हो..
जवाब देंहटाएंशक और संशय से
दो गज की दूरी हो
शुभ व सुदृढ़ स्वास्थ्य हो
सही व सटीक प्रस्तुति..
आभार..
सादर..
🌹🌹वाह! नये साल का प्रथम अद्भुत अंक प्रिय श्वेता। सभी को हार्दिक स्नेह के साथ मंगल कामनाएं । सभी का स्वास्थ्य उत्तम हो और सपरिवार सकुशल रहें यही कामना करती हूँ। तमाम चर्चा कारों की स्नेहिल पंक्तियाँ मन छू कर निकल गई। सभी का साथ बना रहे यही कामना है। आजके स्टार रचनाकारों को सस्नेह शुभकामनाएँ। सभी से आग्रह है अपने ब्लॉग पर आये पाठकों काआभार व्यक्त करना और दूसरे रचनाकारों के ब्लॉग पर कुछ शब्द प्रोत्साहन के लिखना ना भूलें। यही विनम्र रचनाकार की पहचान है, इसी से साहित्य को प्राण वायु मिलती है। पुनः सभी को शुभकामनाएं और बधाई ❤❤🌹🌹
जवाब देंहटाएंतुम्हें भी सुंदर लिंक संयोजन के लिए बहुत बहुत आभार और स्नेह ❤🌹
जवाब देंहटाएंहर पल मंगलकारी हो छुटकी
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य कार्य हेतु साधुवाद
सुंदर मनमोहक शब्दावली संग प्रस्तुति अलग ही आब रही। बधाई। सभी रचनाकारों को नव वर्ष की शुभकामनाएँँ।💐💐
जवाब देंहटाएंनववर्ष मंगलमय हो सभी के लिये।
जवाब देंहटाएंसुन्दर अंक
जवाब देंहटाएंसभी का शुभकामनाएँ
सादर
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसबको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
बहुत सुंदर प्रस्तुति। आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंवाह!सुंदर प्रस्तुति श्वेता । सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐💐
जवाब देंहटाएं💐🙏🏻💐 "पांच लिंको का आनंद" के समस्त सहभागियों एवं सुधी पाठकों को नववर्ष 2021 के आगमन पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻💐
जवाब देंहटाएंप्रिय श्वेता सिन्हा जी,
मेरी पोस्ट को इस महत्वपूर्ण संकलन में शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏🏻🌹🙏🏻
पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सस्नेह,
- डॉ. वर्षा सिंह
पांच लिंको के सभी सदस्यों को सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआप सभी को और ब्लोग जगत के सभी स्नेहीजनों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, नववर्ष सबके लिए मंगलमय हो यही कामना करती हूं, श्वेता जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति दी है आपने, मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद आपका, नववर्ष का हर पल आप सभी के लिए मंगलमय हो
नए साल की नई उम्मीदों से लबरेज़, पांच लिंकों का आनंद मुग्ध करता हुआ, मुझे शामिल करने हेतु ह्रदय तल से आभार आदरणीया श्वेता जी - - नमन सह। नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय अंक ,मनभावन भावुक करने वाले संदेश ,आशा और विश्वास को पुनर्स्थापित करते उद्गार।
जवाब देंहटाएंसार्थक भूमिका।
सभी रचनाकारों के सुंदर सृजन।
सभी को बधाई और नववर्ष की मंगलमय शुभकामनाएं।
मेरी रचना को इस शानदार गुलदस्ते में सहेजने के लिए अंतर हृदय से आभार।
पुनः सभी विज्ञ प्रबुद्ध साथियों को नववर्ष वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
सुन्दर संयोजन! आभार बहुत-बहुत बधाई ।सभी के लिए नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं